कार इंश्योरेंस पॉलिसी: यदि आपके पास बाइक या कार है तो आपको पता है की इंडिया में इसका इंश्योरेंस कराना ज़रूरी है यही नहीं यदि आपके पास कोई भी मोटर गाड़ी है तो उसका भी इंश्योरेंस कराना ज़रूरी है. लेकिन सवाल यह उठता है की क्या सबके पास मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी होती है.
इंश्योरेंस इनफार्मेशन ब्यूरो के अनुसार, इंडिया में 57% से 60% गाड़ियों का इंश्योरेंस नहीं होता है और साथ में 75% बाइक्स में भी इंश्योरेंस नहीं होता है पर इस बात की जानकारी सबको है की इंडिया में गाड़ियों का इंश्योरेंस कराना बहुत ही ज़रूरी है लेकिन फिर भी लोग अपने गाड़ियों का इंश्योरेंस नहीं करवाते हैं जो की सबसे बड़ी लापरवाही है.
कार इंश्योरेंस ज़रूरी क्यों?
यदि आप कार, बाइक या किसी भी मोटर गाड़ियों के मालिक है तो आपको अपनी कार, बाइक या गाड़ियों का इंश्योरेंस करा लेना चाहिए क्योंकि कार इंश्योरेंस न रहने पर पकड़े जाने पर अच्छा खासा चालान देना पड़ सकता है. इसके अलावा यदि आपके पास इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है तो इसमें आपका ही नुकसान है क्योंकि यदि आपकी कार से किसी का एक्सीडेंट होता है या फिर आपकी कार से सड़क पर किसी सरकारी प्रॉपर्टी का नुकसान होता है तो ये सारे नुकसान का ख़र्च आपको अपनी ज़ेब से देना होगा जिससे आपकी बजट पर प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा आपकी कार में जो भी नुकसान होगा वो भी आपको ही देना पड़ेगा.
इंडिया में कार इंश्योरेंस के कितने प्रकार है?
इंडिया में कार इंश्योरेंस 4 तरह के होते है.
1) थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी
2)ओन डैमेज कवरेज पॉलिसी
3) कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी
4) पर्सनल एक्सिडेंटल पॉलिसी
1. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी की ज़रूरत उस समय होती है जब हमारी कार से किसी आदमी या गाड़ी का एक्सीडेंट होता है या किसी की प्रोपर्टी का नुकसान होता है तो उसकी भरपाई के लिये इस इंश्योरेंस का होना ज़रूरी है, नहीं तो इसका सारा ख़र्चा अपने पास से देना होगा. यदि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आपके पास है तो उसका सारा ख़र्चा इंश्योरेंस कंपनी देगी. इस पॉलिसी के बिना कार चलाना गैर कानूनी है और इस पॉलिसी का होना ज़रूरी है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आपके कार के नुकसान का ख़र्च शामिल नहीं होता है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कार ख़रीदते समय ही 3 या 5 सालों के लिए कवर हो जाता है, कार कंपनियां अपने पार्टनर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कवर कर देती है.
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2. ओन डैमेज कवरेज पॉलिसी
ओन डैमेज कवरेज पॉलिसी होने पर आपके कार के साथ प्राकृतिक दुर्घटना जैसे- भूकंप, बाढ़, तूफ़ान, बर्फबारी, भूस्खलन या मैन्युअल दुर्घटना जैसे- टकराव, आतंकवादी कृत्य, दंगा, हड़ताल जैसी दुर्घटनाओं से कार क्षतिग्रस्त होती है तो इसकी मरम्मत के लिए ख़र्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी. ओन डैमेज कवरेज पॉलिसी अलग से भी लिया जा सकता है.
3. कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी
कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ ओन डैमेज कवरेज भी शामिल होता है यानि अगर आपके पास यह इंश्योरेंस है तो किसी भी तरह की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, दुर्घटना के दौरान ख़ुद की कार और और अगले की कार या प्रोपर्टी के नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करेगी. इसके लिए आपके पास कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस का होना ज़रूरी है, आप चाहें तो ओन कवरेज इंश्योरेंस पॉलिसी और कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी को अलग-अलग ले सकते हैं. जिसमें थर्ड पार्टी कवरेज से थोड़ा अधिक पैसा लग सकता है.
4. पर्सनल एक्सिडेंटल पॉलिसी
पर्सनल एक्सिडेंटल पॉलिसी यानि व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी एक ज़रूरी इंश्योरेंस है, जिसमें किसी भी तरह का एक्सीडेंट होने पर आपके साथ या साथ में बैठे पैसेंजर की शारीरिक क्षति होने पर इंश्योरेंस कंपनी ईलाज के लिए ख़र्च उठाएगी या फिर मौत होने पर परिवार को मुवावजा देगी. इस पॉलिसी को भी आप अलग से ले सकते हैं.
इंजन प्रोटेक्शन
यदि आप उस जगह रहते है या फिर कहीं ट्रेवल करते हैं जहाँ बाढ़ जैसी आपदा की वजह से आपकी कार का इंजन ख़राब हो सकता है तो इंजन प्रोटेक्ट कवर पॉलिसी को भी जोड़ सकते है इसका विकल्प कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में होता है. लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है.
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जितना चलाओ उतना चुकाओ
यदि आपके पास कोई ऐसी कार है जिसका इस्तेमाल बहुत ही कम होता है यानि ज्यादातर वह घर पर ही रहती है तो ऐसे में आप इस कवर को ले सकते हैं जिसमें आपका पैसा बच सकता है, इसका भी विकल्प कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में मिलता है.