History of Credit Cards in Hindi 2023
History of Credit Cards: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल पूरे विश्व में किया जाता है, जिसमें से भारत में क़रीब 8 से 9 करोड़ लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते है. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मुख्य रूप से पेमेंट करने के लिए किया जाता है.
आगे हम जानेंगे की क्रेडिट कार्ड की शुरुआत कब और कैसे हुई? और भारत में क्रेडिट कार्ड कब से शुरू हुआ? (When did credit cards start? When was credit cards introduced in India? First Credit Cards in World) लेकिन सबसे पहले क्रेडिट कार्ड के मार्केट कैप को जान लेते हैं.
क्रेडिट कार्ड का मार्केट कैप कितना है?
पूरी दुनियां में क्रेडिट कार्ड का मार्केट कैप करीब 101 बिलियन डॉलर है और भारत में क्रेडिट कार्ड का मार्केट कैप 2020 में 15.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2025 तक बढ़कर क़रीब 38 बिलियन डॉलर हो जायेगा.
अर्थात् जिस तरह से क्रेडिट कार्ड का प्रचलन चल रहा है जल्द ही यह सभी के पास होगा. लेकिन क्रेडिट कार्ड शुरू होने की कहानी बड़ी दिलचस्व है, आइये जानतें है क्रेडिट कार्ड का इतिहास क्या है?
क्रेडिट कार्ड की शुरुआत कैसे हुई?
दरअसल बात 1949 की है, न्यूयॉर्क के फ़ेमस उद्यमी फ्रैंक मैक्नमारा एक दिन किसी रेस्टोरेंट में जाते है और खाना खाने के बाद जब पेमेंट की बारी आई तो उन्हें पता चलता है की उनका वॉलेट तो घर ही छूट गया, ऐसे में फ्रैंक ने रेस्टोरेंट के मालिक से निवेदन किया की बिल पर उनका सिंग्नेचर बिल पर ले लें, और बाद में वो आकर पेमेंट कर देंगे.
लेकिन रेस्टोरेंट ओनर ने उनकी बात नहीं मानी, अंततः फ्रैंक मैक्नमारा को मजबूर होकर ख़ुद को बचाने के लिए अपनी वाइफ को बुलाना पड़ा, उस दिन उन्हें बहुत ज्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई.
इस घटना से फ्रैंक के दिमाग में एक आइडिया आया, की क्यों न ऐसी सर्विस शुरू की जाए, जिसमें लोग साइन करके, बाद में पैसा चुका पाए, इस आइडिया ने आगे चलकर पहली अमेरिकन कंज्यूमर फेसिंग क्रेडिट कार्ड कंपनी “द डाइनर्स क्लब” को जन्म दिया.
फिर 1950 में “द डाइनर्स क्लब” के आने के बाद 1958 में “अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी” ने ट्रेवल और इंटरटेनमेंट कार्ड शुरू किया, जिसे पहले तो लोगों ने रिजेक्ट किया लेकिन धीरे-धीरे समझनें के बाद लोगों ने क्रेडिट कार्ड में अपनी दिलचस्वी दिखाने लगे और 18 सितंबर 1958 को वीजा की स्थापना के बाद कैलीफोर्निया के लोगों के लिए क़रीब 60 हजार क्रेडिट कार्ड डाक द्वारा भेजे गए.
पहले क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी थी?
स्थापना के बाद वीजा माध्यम वर्ग के यूज़र्स और मध्यम व छोटे व्यापारियों के लिए, 1958 में बैंक ऑफ़ अमेरिका के साथ मिलकर अमेरिका में कंज्यूमर क्रेडिट कार्ड को लांच किया. उसके बाद बैंक ऑफ़ अमेरिका ने 300 डॉलर की लिमिट वाला पेपर कार्ड लांच करते हुए उसका नाम “बैंक अमेरिका कार्ड” रखा. फिर 1970 में नेशनल बैंक अमेरिका की स्थापना के 3 वर्ष में यानि 1973 में फर्स्ट इलेक्ट्रॉनिक ऑथोराइजेसन शुरू हुआ, जिसके साथ में ही इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग और सेटलमेंट को भी शुरू किया गया.
फिर 1974 में धीरे धीरे कंपनी ने अमेरिका से बाहर क़दम रखा, उसके बाद 1975 में डेबिट कार्ड की भी शुरुआत हो गयी. 1976 में बैंक अमेरिका कार्ड का नाम चेंज करके वीजा कर दिया गया, कंपनी ने धीरे-धीरे अपनी सर्विसेज को फ़ैलाना शुरू किया और अब वीजा 200 से भी ज्यादा देशों में अपनी सेवा प्रदान करती है.
यह भी पढ़ें: जानिये क्रेडिट स्कोर सुधारनें के 6 बेजोड़ तरीक़े
भारत में पहला क्रेडिट कार्ड कब आया?
क्रेडिट कार्ड के उद्योग को भारत में तब लोकप्रियता मिली जब आंध्रा बैंक ने अपना क्रेडिट कार्ड पेश किया, 1985 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने वैश्य बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर सेंट्रल कार्ड पेश किया. धीरे-धीरे क्रेडिट कार्ड में रिवार्ड्स जैसी अनेक सुविधा मिलने की वजह से लोगों ने इसका इस्तेमाल शुरू किया और आज करोड़ो भारतीय क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल पेमेंट के रूप में करते है.
तो दोस्तों आशा करते है की आपको इस पोस्ट से Credit Cards के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी जरूर मिली होगा.
इसी तरह की और जानकरियों के लिए टेलीग्राम चैनल को जॉइन करें और ट्विटर पर फॉलो जरूर करें.