Success Story of Ujala: एम पी रामचन्द्रन को वैसे तो बहुत ही कम लोग जानते है, लेकिन उनका प्रोडक्ट आज हर घर में इस्तेमाल किया जाता है, इस शख्स में उधार के पैसों और अपनी सूझ बूझ की बदौलत 14 हजार करोड़ रुपए की कंपनी बना दी, अपनी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने ऐसी कंपनी खड़ी कर दी जिसका प्रोडक्ट घर-घर में इस्तेमाल होता है, उन्होंने अपने भाई से उधार लेकर सफ़ेद कपड़ों का रंग बरकरार रखने के लिए लिक्विड कंपनी उजाला बना दिया, उनकी कंपनी ज्योति लेबोरटरीज उस प्रोडक्ट को बनती है.
भाई से 5 हजार उधार लेकर शुरू किया बिजनस
एम पी रामचन्द्रन की कहानी बड़ी दिलचस्ब है, पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद अकाउंटेंट के रूप में काम करना शुरू किया, वे हमेशा ही सीखने की इच्छा रखते थे, उनकी सोच और लोगों की तरह बिल्कुल भी नहीं थी, लोगों से अलग सोचने की वजह से उन्होंने एक समय बाद बिजनेस करने का फैसला किया और 5 हजार रुपए भाई से उधार लेकर एक छोटी सी फैक्ट्री की शुरुआत की और उनकी मेहनत की वजह से आज वह एक मल्टी ब्रांड कंपनी बन गई, रामचन्द्रन की कंपनी ज्योति लेबोरटरीज का मार्केट कैप 13,583 करोड़ रुपए के करीब है.
कैसे हुई ज्योति लेबोरटरीज की शुरुआत?
ज्योति लेबोरटरीज की शुरुआत 1983 में एम पी रामचन्द्रन ने केरल के त्रिशूर में अपने परिवार की जमीन के छोटे से भाग पर की, उन्होंने अपने भाई से पैसे उधार लेकर इस फैक्ट्री की शुरूआत की, उन्होंने ज्योति लेबोरटरीज का नाम अपनी बेटी ज्योति के नाम पर रखा, इसके बाद उन्होंने सफेद कपड़ों के लिए उजाला लिक्विड फैब्रिक व्हाइटनर बनाया, शुरुआत में 6 महिलायें इस प्रोडक्ट को लेकर घर-घर बेचती थी, 1997 तक ज्योति लेबोरटरीज के प्रोडक्ट का मार्केट साउथ इंडिया में काफ़ी बढ़ा, उसके बाद उजाला सुप्रीम की बढ़ती लोकप्रियता से यह पूरे देश में फेमस हो गया.