Health Insurance Tips in Hindi
Health Insurance Tips: दोस्तों आज के समय में आये दिन कोई न कोई नई बीमारी आती रहती है, उदाहरण के तौर पर कोरोना को ही देख लेते है, जो एकाएक आया और लाखों करोड़ो लोगों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें दूसरी लहर तो और भी घातक थी, इसी तरह और भी कई गंभीर बीमारियाँ है जिसका ईलाज बहुत महंगा है. ऐसे में हम मिडिल क्लास के लोग महंगे ईलाज न होने की वजह से जान भी गवानी पड़ती है.
अगर आप हेल्थ Health Insurance लेने की तैयारी में है तो आज हम आपको ऐसे Health Insurance Tips की जानकारी देंगे, जिसे जानने के बाद आप भी सतर्क हो जायेंगे, नहीं तो हॉस्पिटल के दौरान कंपनियां Health Insurance क्लेम को रिजेक्ट भी कर सकती है. लेकिन इससे पहले आइये जानते हैं की आख़िर हेल्थ इंश्योरेंस लेना ज़रूरी क्यों है.
Health Insurance ज़रूरी क्यों?
आप एक जॉब पर्सन है, या फिर कारोबारी, या चाहे ख़ुद का भी कोई काम करते हों आपको हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए, ताकि हेल्थ ख़राब होने पर आपकी दवा और जाँच जैसे महँगी चीजों से आपके बजट पर कोई भी प्रभाव न पड़े, क्योंकि अक्सर यह होता है की जब हम किसी बीमारी को लेकर हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं तो हॉस्पिटल के महंगे बिल हमारी सारी कमाई को खा जाती है.
ऐसे में अगर आपके पास एक अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है तो उसे क्लेम कर सकते है, और हॉस्पिटल का पूरा खर्च इंश्योरेंस कंपनी करेगी, जिससे आप एक भारी ख़र्च से बच सकते है. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इन विशेष बातों का ध्यान रखें नहीं तो हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करते समय कंपनी आपके क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है.
Health Insurance Guide in Hindi 2023
हेल्थ इंशोरेंस लेते समय इन महत्वपूर्ण बातों का रखें ध्यान
1. सही कवरेज चुनें
ज्यादातर लोग सबसे पहले यही ग़लती करते हैं की सही कवरेज का चुनाव नहीं करते, जिससे उनको इंश्योरेंस क्लेम करते समय काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, और अंत में कई बार ऐसा भी होता है की कंपनी द्वारा क्लेम को रिजेक्ट भी कर दिया जाता है. इसलिए कवरेज लेते समय हॉस्पिटल में ख़र्चे, वाहन ख़र्चे, दवाइयों के ख़र्चे, जाँच के ख़र्चे, ऑपरेशन के ख़र्चे और बेड जैसे महत्वपूर्ण खर्चों को ध्यान में रखें, क्योंकि ज्यादातर कंपनियां इस बात को छुपाती है और बाद में क्लेम करते समय आनाकानी करती है.
2. हाई क्लेम सेटलमेंट रेसियो
स्वास्थ्य बीमा करवाते समय यह भी एक महत्वपूर्ण प्रोसेस होता है की आप कंपनी के क्लेम रेसियो को जरूर चेक करें, यानी आज तक कंपनी ने कितने लोगों के क्लेम को सेटलमेंट किया है, और उसका हाई क्लेम सेटेलमेंट रेसियो क्या है. अगर ऐसा होता है की कंपनी का सेटलमेंट रेसियो अच्छा नहीं है तो आप सावधान हो सकते है, और दूसरी कंपनी देख सकते है.
3. बीमारियों का ख़ुलासा ज़रूर करें
हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय आपके अन्दर जो भी बीमारी है, उसका ख़ुलासा कर दें, और अगर आप पूरे परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस साथ में ले रहे हैं तब भी परिवार में किसी को भी बीमारी है तो उसका ख़ुलासा जरूर कर दें, और साथ में बीमारी कितने समय से है इसका भी ख़ुलासा कर दें.
ऐसा करने से हो सकता है आपको प्रिमियम के लिए थोड़ा ज्यादा पैसा देना पड़े लेकिन बाद में क्लेम करते समय कंपनियां इसका बहाना नहीं कर सकती की आपने इंश्योरेंस लेते समय इसकी जानकारी नहीं दी थी. अगर आप उस समय मौजूद बीमारी को नहीं बताएँगे तो कंपनियां बहाना करके क्लेम रिजेक्ट कर सकती है. क्योंकि यह एक रिश्क भरा प्रोसेस होता है इसलिए कंपनियां इस पर विशेष ध्यान देती है.
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