अडानी को एक के बाद एक नए झटके लग रहे हैं, दरअसल 24 जनवरी को आई अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की
हालत ढीली कर दी है, हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मनीप्ल्युएसन, एकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लोंड्रिंग का गंभीर आरोप
लगाया था जिसके बाद अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर्स क़रीब 70 फ़ीसदी टूट चुके हैं और अडानी ग्रुप का टोटल मार्केट कैप 10 लाख
करोड़ रूपए से भी अधिक कम हो चुका है, और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ घटकर आधी रह गयी है.
हालाँकि कुछ विदेशी निवेश और पॉजिटिव न्यूज़ से अडानी के शेयर्स की प्राइस में बढ़ोत्तरी दिख रही है लेकिन इसके बावजूद
ग्रुप को एक के बाद एक नए झटके लग रहे हैं, ऐसे में ख़बर है की अडानी ने गुजरात के मुद्रा में 34 हजार 900 करोड़ रूपए
के पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट पर काम रोक दिया है. इसकी जानकारी 19 मार्च को समाचार एजेंसी PTI ने दी है. आपकी जानकारी
के लिए बता दें की अडानी ग्रुप लगातार अपने निवेशकों का भरोसा बनाये रखने के लिए ऐसे कई और भी कई क़दम उठाये हैं.
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