मुश्किलों से घिरे अडानी ग्रुप को एक के बाद एक नया झटका लग रहा है साथ में कई बड़े ख़ुलासे भी हो रहे है.
दरअसल 24 जनवरी की अमेरिका की फाइनेंसियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी जिसमें अडानी ग्रुप के ऊपर
एकाउंटिंग फ्रॉड, स्टॉक मनीप्ल्युएसन जैसे कई गंभीर आरोप लगाये गए थे जिसके बाद अडानी ग्रुप के मार्केट कैप में गिरावट होने
लगी, और यह गिरावट इतनी हुई की एक महीनें के अन्दर ही अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रूपए तक कम हो गया.
साथ में शेयरों में 70 फीसदी की गिरावट हुई जिसकी वजह से निवेशकों के लाखों करोड़ रूपए स्वाहा हो गया. उसके बाद
विपक्षी पार्टियों की मांग के बाद यह केस कोर्ट गया, सरकार से सवाल पूछने के बाद जवाब नहीं मिला, फिर काफ़ी हंगामा के बाद
सरकार ने सील बंद लिफाफे में कोर्ट को केस की जाँचकर्ता के नाम देने को कहा जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूर्ण ने
लेने से मना कर दिया और यह निर्णय लिया की अडानी और हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की जाँच सुप्रीम कोर्ट के लिए निर्णय पर होगी.
अडानी की खबरें पढ़ें