अडानी की नेटवर्थ में लगातार गिरावट हो रही है, जब से हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई है, निवेशकों  के मन में डर बना हुआ है.

लोग अडानी के शेयर बेच रहे हैं, जिससे अडानी की संपत्ति में क़रीब 1 लाख 45 हजार करोड़ रूपए की गिरावट आई है.

अडानी ग्रुप की क़रीब सभी कंपनियों में गिरावट हो रही है, इसके साथ अडानी के जिस कंपनियों में निवेश है उसमें भी 

गिरावट हो रही है, insurance सेक्टर की बड़ी कंपनी LIC को भी अडानी ग्रुप की वजह से 18 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान हुआ है.

ऐसे यदि समय पर अडानी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है तो अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आ सकती है, 

इस रिपोर्ट के आने से बहुत से लोगों का कहना है की हिंडेनबर्ग इस रिपोर्ट को उस समय लाया है जब अडानी एंटरप्राइजेज का एफ़पीओ

आने वाला था, एफ़पीओ को नुकसान पहुचाने के लिए इस रिपोर्ट को लाया गया है, इस रिपोर्ट को लाने का मकसद यह भी हो सकता है की

कैसे एक भारतीय इतना जल्दी इस मुकाम पर पहुँच सकता है इसलिए रिपोर्ट जारी कर उनके शेयरों को टारगेट किया गया है.