शेयर मार्केट और इन्वेस्टिंग के बादशाह राकेश झुनझुनवाला 62 साल की उम्र में इस दुनियां में नहीं रहे, वे काफ़ी समय से किड़नी की समस्या से परेशान थे.

राकेश झुनझुनवाला वाला ने अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी मात्र ₹5000 से शुरू की थी, forbes की एक रिपोर्ट के अनुसार झुनझुनवाला दुनियां के 36वें सबसे अमीर आदमी थे.

इन्वेस्टमेंट की दुनियां में इन्हें इंडिया का वारेन बुफे कहा जाता था, आज के समय में इनकी कुल सम्पति लगभग 5.8. अरब डॉलर के क़रीब है.

झुनझुनवाला ने अभी हाल ही में अपनी एयरलाइन कंपनी अकाशा के लिए मुंबई से अहमदाबाद के लिए उडान भरे थे, जिसका कमर्शियल आपरेसन इसी महीनें शुरू हुआ था.

झुनझुनवाला हंगामा मिडिया और अपटेक जैसी कंपनियों के चेयरमैन भी थे और साथ में Viceroy होटल, जिओजीत फाइनेंसियल सर्विसेज के डायरेक्टर भी थे.

राकेश झुनझुनवाला अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी 1985 में केवल पांच हजार रूपए से शुरू किये थे,  जिसके बाद ध्रीरे-धीरे अपने नॉलेज और रिसर्च की वजह से बिग बुल के नाम से भी जाने गए.

बिग बुल की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ और भी बड़े बड़े दिग्गजों ने ट्वीट करके शोक जताया, और कहा की उनकी मौत से शेयर मार्केट की दुनियां में एक क्षति है.

झुनझुनवाला ने जब पांच हजार रूपए शेयर मार्केट में निवेश किये थे तो उन्हें तगड़ा फ़ायदा हुआ था जिसके बाद उन्होंने 43 रूपए के भाव से टाटा टी के शेयर ख़रीदे थे.

जिसके तीन महीनों के बाद टाटा टी का शेयर 43 रूपए से बढ़कर 143 रूपए हो गया जिससे उन्हें लगभग 3 गुना का फ़ायदा हुआ.

इसी के साथ झुनझुनवाला वाला ने 3 साल के अन्दर 20-25 लाख रूपए का प्रॉफिट कमाया था. राकेश झुनझुनवाला की ख़ास बात यह थी की वे ट्रेडिंग और निवेश दोनों में माहिर थे.

राकेश झुनझुनवाला में एक और ख़ास बात थी की वे रिश्क लेने से कभी डरते नहीं थे, यही कारण है जो उन्हें इन्वेस्टमेंट के फ़ील्ड में एक महान इंसान बना दिया.

झुनझुनवाला काफ़ी समय से अपनी किडनी की समस्या से जूझ रहे थे यही कारण था की जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने पर वे कुर्सी पर बैठे ही रह गए थे, जिसके बाद काफ़ी लोग उन्हें ट्रोल भी किये थे.

सूत्रों की माने तो रविवार को सुबह 6.45 पर उन्हें मुंबई के कैंड्री ब्रीच अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहाँ पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.