दिनों दिन अडानी की स्थिति ख़राब होती दिखाई दे रही है, यह हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट का असर है, जिससे अडानी दुनियां के तीसरे

सबसे अमीर आदमी से 15वें सबसे अमीर आदमी बन चुके हैं, अडानी जितना जल्दी ऊपर गए थे उसके दोगुना स्पीड से नीचे आ

आ रहे हैं, हालाँकि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में ऐसा  बताया गया है की अडानी के ऊपर कर्ज बहुत अधिक हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए

बता दें की अडानी के ऊपर 2 लाख करोड़ रूपए का कर्ज है जो की पिछले 2-3 सालों में कुछ अधिक हुआ है. अब अगर अंबानी की बात करें तो

अंबानी के ऊपर क़रीब 1 लाख 75 हजार करोड़ रूपए का कर्ज है जो अडानी से कम है और यह कर्ज सालों से है. अब अगर टाटा की बात करें तो

टाटा ग्रुप सबसे पुराना है यानि यह सैकड़ो सालों से बिज़नेस कर रहा है ऐसे में सैकड़ो सालों में इस ग्रुप के ऊपर क़रीब 2 लाख 89 हजार करोड़ रूपए

का कर्ज है हालाँकि टाटा बहुत पुराना ग्रुप होने के साथ लोग इस पर विश्वास भी बहुत ज्यादा करते हैं इसलिए इस पर कर्ज का प्रभाव इसलिए भी नहीं पड़ेगा

क्योंकि अडानी की तुलना और टाटा की तुलना नहीं की जा सकती, अडानी की नेटवर्थ जितनी दो सालों में हुई है टाटा की  उससे कहीं अधिक है. हालाँकि टाटा अपना 60 फ़ीसदी दान करते हैं.