अडानी मामले की जाँच इतनी धीमी क्यों चल रही है, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आये 2 महीनें से भी अधिक हो गए, फिर भी यह

जाँच में इतनी सुस्ती कैसे है, दरअसल ऐसा बिपक्ष के लोग कर रहे हैं, हिंडनबर्ग जो की अमेरिका की फाइनेंसियल रिसर्च फर्म है

इसने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मनीप्ल्युएसन, मनी लोंड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगाये थे, जब से ऐसा हुआ है तब से अडानी ग्रुप की

कंपनियों के शेयर्स राकेट की रफ़्तार से नीचे आ गए, और कुछ ही दिन में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप क़रीब 10 लाख करोड़ रूपए घट गया.

इससे अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ भी आधी से कम हो गयी. इस समय अडानी की नेटवर्थ 45 बिलियन डॉलर के क़रीब है. फ़िलहाल

अडानी ग्रुप पर इतने बड़े आरोप लगने के बाद विपक्ष अडानी ग्रुप को लेकर लगातार जाँच की मांग कर रहा है. ऐसे में जानकारी

के लिए बता दें की अडानी ग्रुप की जाँच मार्केट रेगुलेटर सेबी कर रही है, इसके साथ बवाल के बाद कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है जिसके

माध्यम से यह अडानी और हिंडनबर्ग मामले की जाँच हो रही है, जिस पर लोगों का कहना है की जाँच बहुत धीमी चल रही है.