Shark Tank India 2: शार्क टैंक इंडिया सीज़न 2 के एपिसोड 8 में एक ऐसा स्टार्ट-अप प्रजेंट हुआ जो मां के दूध, बच्चों के बाल और बच्चों के दांत का इस्तेमाल करके ज्वेलरी बनाता है और उसे अपनी वेबसाइट के माध्यम से बेचता हैं. अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो लोगों को उनकी यादों को ताज़ा करने और सजो कर रखने का काम करती हैं यानि ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार अपने डीएनए के कुछ पार्ट्स जैसे-बाल और कुछ यादें जैसे- तस्वीर, शादी के लहंगे का सूत इत्यादि को उस ज्वेलरी में मिढ़वा कर अपनी यादों के बरकरार रख सकते हैं. इस बिज़नेस का ब्रांड नेम Magic of Memories है.
क्या है Magic of Memories ?
अगर बहुत ही सिंपल शब्दों में समझें तो Magic of Memories एक ऐसा स्टार्ट-अप है जो लोगों को उनकी यादों को ताज़ा रखने के लिए ग्राहकों के डीएनए जैसे-मां का दूध, जन्मे बच्चों के बाल और पहले दांत, ब्लड को इस्तेमाल करके ज्वेलरी बनाता है, ग्राहक अपने इच्छा अनुसार शादी के कुछ महत्वपूर्ण चीजों को भी लाकिट के माध्यम से बनवा कर पहन सकते हैं, पहली बार प्रपोज किये हुए गुलाब के फूल की पत्तियों को भी इस ज्वेलरी में पहन सकते हैं. इन सभी के साथ ज्वेलरी को गोल्ड और सिल्वर में बनाया जाता है.
कैसे हुई Magic of Memories की शुरुआत
दरअसल Magic of Memories की फाउंडर प्रीति को 2017 में बेटी हुई थी,उसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ा, जिसके बाद जर्मनी में इस कॉन्सेप्ट को देख जो की उस देश में बहुत ही ज्यादा जोरों से चल रहा था, प्रीती को ख़ुद के ब्रेस्ट दूध से ज्वेलरी बनवानी थी ताकि उनकी याद ताज़ा रहे, हालाँकि वह ख़ुद के ब्रेस्ट मिल्क को वहां भेजना फिर ज्वेलरी बनवाना, बहुत ही कठिन और महंगा था, उसी समय प्रीती को यह सूझा क्यों न हम इउसे भारत में ही शुरू करें, उसके बाद उन्होंने आस्ट्रेलिया, जर्मनी से कोर्सेज किये, काफ़ी रिसर्च करने के बाद 2019 में Magic of Memories की शुरुआत की.
कंपनी का नाम | Magic of Memories |
फाउंडर | प्रीति मग्गो |
कंपनी की शुरुआत | अगस्त 2019 |
प्रोडक्ट्स अमाउंट | ₹11,000 |
आस्क | 25 लाख फ़ॉर 5% इक्विटी |
डील | नहीं |
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शार्कों ने क्यों नहीं किया निवेश
शार्कों को यह बिज़नेस कुछ ख़ास अच्छा नहीं लगा, अमन गुप्ता को यह बिज़नेस कैसे बनेगा यह माझ नहीं आया इसलिए उसने यह ऑफर रिजेक्ट कर दिया, और नमिता थापर को भी बिज़नेस कैसे आगे बढेगा इस कंफ्यूजन से उसने भी फंडिंग से मना कर दिया, पियूष को भी यह बिज़नेस बहुत ही छोटा लगा इसलिए उसनें भी मना कर दिया, विनीता ने भी यह करते हुए रिजेक्ट कर दिया की इस बिज़नेस में लोगों का विश्वास कम होगा, अनुपम ने भी पैसेनेट न होने की वजह से फंडिंग से मना कर दिया.