Hindustan Zinc News: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड(Hindustan Zinc Limited) यानि HZL में सरकार अपनी 3.5% की हिस्सेदारी बेच की तैयारी मे है, रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) में शुरुआती ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए यह हिस्सेदारी बेचेगी. हिंदुस्तान जिंक में सरकार की 29.5% की टोटल हिस्सेदारी है, जिसमें से सरकार 3.5% हिस्सेदारी बेचने का फैसला ले सकती है. ऐसे में अगर ऐसा होता है तो सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी घटकर 26% रह जाएगी. जिसकी जानकारी सरकारी अधिकारी ने दी है.
HZL में हिस्सेदारी होगी तो सरकार को छोड़ने पड़ेंगे कई अधिकार
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड(Hindustan Zinc Limited) यानि HZL में 26% से कम हिस्सेदारी होने पर सरकार को कई अधिकार छोड़ने पड़ेंगे, इसलिए सरकार 3.5% हिस्सेदारी बेचने के लिए विचार कर सकती है, ऐसे में एक्स्ट्रा 1-2% हिस्सेदारी बेचकर एक शेयरधारक के रूप में कई अधिकारों को छोड़ना उचित नहीं है. इसमें कंपनी बोर्ड के द्वारा प्रस्तावित किसी भी फाइनेंशियल रेजोल्यूशन को रोकने का अधिकार भी शामिल है.
KS लीगल एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर सोनम चंदवानी ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक(HZL) में अगर सरकार की हिस्सेदारी 26% से कम हो जाएगी तो उसके हाथ से कई अहम वीटो अधिकार खो जाएगा. खासकर स्पेशल रेजोल्यूशन में जिसके लिए 75% मेजोरिटी की जरूरत होती है.
क्या करती है हिंदुस्तान जिंक?
हिंदुस्तान जिंक, लेड, सिल्वर और कैडमियम प्रोड्यूसर करती है यह एक भारतीय इंटीग्रेटेड माइनिंग और रिसोर्सेज प्रोड्यूसर है. जो की वेदांता लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी है, कंपनी की शुरुआत 1966 में हुई थी, हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की 64.92% हिस्सेदारी है.
2022 में सरकार को पूरी हिस्सेदारी बेचने को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
पिछले साल 2022 में ही सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने की केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी, सरकार के पास अपनी पूरी 29.5% हिस्सेदारी बची हुई है, जिसे बेचने पर करीब 40,000 करोड़ रुपए मिलेंगे.
ये भी पढ़ें: TCS News: साल की दूसरी तिमाही में TCS का नेट प्रॉफ़िट बढ़ा! कंपनी ने डिविडेंड का किया ऐलान, जाने डिटेल्स