शेयर क्या है। शेयर बाज़ार क्या है और यह कैसे काम करता है। स्टॉक मार्केट क्या है? या शेयर मार्केट क्या है। शेयर बाज़ार का इतिहास। शेयर बाज़ार के फ़ायदे और नुकसान। What’s Share Market in Hindi। What’s Stock Market in Hindi
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका एक और नए लेख में, दोस्तों कभी न कभी तो आपके मन में ऊपर दिए गए सवालों को जाननें की इच्छा हुई होगी और आप शेयर बाज़ार क्या है और यह कैसे काम करता है या ऊपर दिए गए किसी सवाल को इंटरनेट पर भी सर्च किये होंगे, ऐसे में आप शेयर मार्केट के बारें में पूरी जानकारी भी लेना चाहते होंगे.
शेयर बाज़ार क्या है? जाननें से पहले आइये जानते है की शेयर क्या है क्योंकि शेयर के बारें जानें बिना शेयर मार्केट थोड़ा कम समझ आएगा.
शेयर क्या होता है? What is Share In Hindi
शेयर क्या होता है? अगर इसे आसान शब्दों में समझे तो “जब भी किसी कंपनी को अपने बिज़नेस को बढ़ाना होता है तो उसे फंडिंग की ज़रूरत होती है, मार्केट से फंडिंग उठानें के लिए कम्पनियां अपना मालिकाना हक़ शेयर के माध्यम से लोगों को देती है जिसे शेयर कहते है’, शेयर को स्टॉक या इक्विटी नामों से भी जाना जाता है.
अगर और सरल शब्दों में समझे की शेयर क्या है? तो जब कोई कंपनी अपने कैपिटल को छोटे-छोटे बराबर हिस्से में बांटती है तो जो कैपिटल का सबसे छोटा हिस्सा आता है जिसमें मार्केट का कोई भी ख़रीद या बेच सकता है तो वह कंपनी का शेयर कहलाता है.
आइये इसे एक उदाहरण से समझतें है जैसे की मान लीजिये किसी XYZ कंपनी का टोटल कैपिटल 10 करोड़ है और कंपनी अपने 10 करोड़ के कैपिटल को 10 लाख अलग अलग बराबर वैल्यू के हिस्से में बाँट देती है, अब कम्पनी द्वारा बाँटा गया हर एक हिस्सा कंपनी के कैपिटल का सबसे छोटा हिस्सा है जिसकी कीमत 100 रूपए है कंपनी के कैपिटल के इसी छोटे भाग को शेयर कहा जाता है. जैसे-
शेयर कैपिटल = कुल शेयरों की संख्या × शेयर प्राइस
शेयर कैपिटल = 10 लाख × 100 रूपए
शेयर कैपिटल = 10 करोड़
दोस्तों अब तो आप समझ गए होंगे की शेयर क्या होता है और इसका मतलब क्या होता है, आइये अब हम जानते है की [2022] शेयर बाज़ार क्या है और यह कैसे काम करता है.
शेयर बाज़ार क्या है? What is Share Market in Hindi
शेयर बाज़ार क्या है? इसे आसानी से और सरल भाषा में समझें तो जिस मार्केट यानी बाजार में किसी भी कंपनी के शेयर्स की ख़रीद और बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट कहते है.
अगर इसे और गहराई से समझें तो शेयर बाज़ार एक ऐसा मार्केट प्लेस है जहाँ पर कंपनी के शेयरों को खरीदनें वालों और बेचनें वालों का एक साथ फिजिकल या वर्चुअल जमावड़ा होता है जहाँ पर वो शेयर्स की ख़रीद या बिक्री करते है शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट या फिर शेयर बाजार कहतें है.
जब भी कोई इन्वेस्टर्स शेयरों की ख़रीद और बिक्री करते तो ऑर्डर्स एक सिस्टम द्वारा एक स्टॉक एक्सचेंज (NSE, BSE) को दिया जाता है जिससे शेयर बाज़ार उस आर्डर को पूरा कर देता है.
शेयर बाज़ार कैसे काम करता है? How Works Share Market
शेयर बाज़ार कैसे काम करता है? अगर देखा जाए तो शेयर बाज़ार यानी स्टॉक मार्केट में हजारों कंपनियां होती है और इन कंपनियों के शेयर्स खरीदनें और बेचनें वाले लाखों करोड़ लोग होते है इन सभी को मिलाकर शेयर बाज़ार अर्थात् स्टॉक मार्केट बना है.
आइये डिटेल्स में समझते है की शेयर बाज़ार कैसे काम करता है? दरअसल दो तरह की कंपनियां मार्केट में होती है 1)प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 2)पब्लिक लिमिटेड कंपनी. Private limited company की ownership बहुत कम लोगों के पास होती है और हर किसी के लिए मौजूद नहीं होती, वहीँ पर अगर पब्लिक लिमिटेड कंपनी की बात करें तो इसमें ownership कोई भी ले सकता है.
जैसे की मान लीजिये की अपनी कंपनी Financial Sangam है, जो इनफार्मेशन देने का काम करती है, ये स्टॉक मार्केट, क्रिप्टो मार्केट की जानकारी और फाइनेंसियल इनफार्मेशन और कंपनियों के मुकाबले बहुत अच्छे ढंग दे देती है, जिसकी वजह से इस कंपनी के प्रोडक्ट्स की डिमांड बढनें लगी.
जिससे इस कंपनी ने अपना बिज़नेस बढानें और फ़ैलाने का फ़ैसला किया पर समस्या यह है की कंपनी के पास बिज़नेस बढानें के लिए फण्ड ही नहीं है, अब फण्ड जुटानें के लिए कंपनी के पास दो रास्ते होते है, 1) बैंक से लोन लेना 2) कंपनी के शेयर्स बेच देना.
अब अगर कंपनी बैंक से लोन लेती है तो उसे वो पैसा वापस करता तो होता ही है साथ में व्याज भी देना होता है, वहीँ पर अगर कंपनी अपना शेयर्स बेचती है तो कंपनी को न तो पैसा रिटर्न करना होता है और न ही कोई व्याज देना होता है. अब कंपनी ने अपने शेयर्स को बेचने का फ़ैसला किया, अब जिसनें भी इस कंपनी के शेयर्स खरीदें उन्हें कंपनी का हिस्सा मिला और कंपनी को बिज़नेस बढ़ाने के लिए फण्ड मिल गया.
अब जब शेयर्स को खरीदनें, शेयर्स बेचनें वालों से ज्यादा होते है तब शेयर्स की प्राइस बढ़ती है और जब बेचनें वाले खरीदनें वालों से ज्यादा होते है तो तब शेयर्स की प्राइस कम हो जाती है.यह रूल्स स्टॉक मार्केट की सभी कंपनियों पर लागू होता है, स्टॉक मार्केट में हर ऱोज स्टॉक यानि शेयर्स खरीदनें वाले भी होते है और बेचनें वाले भी होते है, इसलिए शेयर्स की कीमत हर दिन चेंज होती रहती है.
इंडिया की दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है. 1) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE 2) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE. ये दोनों स्टॉक्स एक्सचेंज आटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड है. स्टॉक मार्केट में हजारों कंपनियां है जिससे हर कंपनियों को ट्रैक करना मुश्किल होता है इसलिए इंडेक्सेस बनाएँ गए, निफ़्टी और सेंसेक्स.
जिसमें सेंसेक्स BSE के अलग-अलग सेक्टर्स की अलग-अलग 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन और निफ़्टी NSC के अलग-अलग सेक्टर्स की अलग-अलग 50 कंपनियों के कैपिटलाइजेशन को मैनेज करता है.
अब इन्ही इंडेक्स से स्टॉक मार्केट के पूरे चालचलन को देखा जाता है जैसे अगर सेंसेक्स या निफ्टी लाल तीर से नीचे की तरफ इशारा कर रही है तो मार्केट में गिरावट है और यदि हरी रंग की तीर ऊपर की तरफ़ इशारा कर रही है तो इसका मतलब है मार्केट में ग्रोथ हुई है.
शेयर बाज़ार का इतिहास क्या है? What Is History of Share Market In Hindi
शेयर बाज़ार यानि स्टॉक मार्केट का इतिहास भी बड़ा दिलचस्ब है आइये डिटेल्स में जानते है की शेयर बाज़ार का इतिहास क्या है?
दोस्तों स्टॉक मार्केट में ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स डेली सवा नौ बजे अपनें कंप्यूटर स्क्रीन पर ऐसे निगाहें गडा कर बैठ जाते है मानों जैसे शेर अपनें शिकार पर, लेकिन आज हम घर बैठे ही टेक्नोलॉजी के माध्यम से आराम से ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग आसानी से कर पा रहे है.
जो पहले के जामानें में बिलकुल भी नहीं था, तो देर न करते हुए आइये शेयर मार्केट का इतिहास क्या है? जानते है?
दरअसल ये बात है भारत की आज़ादी से 107 साल पहलें 1840 की, जब 22 लोगों ने मिलकर एक बरगद के पेड़ की नीचें शेयर मार्केट की शुरुआत की, जानकारी के लिए आपको बता दें की यह एशिया का सबसे पुराना एक्सचेंज है जिसका टोटल क्रेडिट चार गुजराती और एक पारसी ब्रोकर्स को जाता है.
धीरे-धीरे शेयर मार्केट में ग्रोथ होती चली गयी फिर आज़ादी के 10 साल के बाद 31 अगस्त 1957 को सरकार नें BSE को सिक्यूरिटी के तहत् मार्केट में आया, जिसके बाद 1980 में BSE को दलाल स्ट्रीट पर सिफ्ट किया गया.
फिर 1986 में SNP, BSE और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स बनाएँ गए, ऐसे ही धीरे-धीरे शेयर मार्केट में ग्रोथ देखनें को मिली, उसके बाद कई स्कैम्स भी हुए जिससे शेयर मार्केट डगमगाया भी लेकिन फिर से धीरे-धीरे इसमें ग्रोथ दिखनें लगी. लेकिन आज जो टेक्नोलॉजी है वो पहले नहीं थी, पहले सारी प्रोसेस पेपर पर होती थी और ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग के लिए कई कागज़ बनवाने पड़ते थे लेकिन आज टेक्नोलॉजी की वजह से सब कुछ आसान हो गया है.
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शेयर बाज़ार के फ़ायदे और नुकसान
दोस्तों अगर शेयर मार्केट के फ़ायदे और नुकसान की बात किया जाए तो जितना इसमें सीख कर पैसा कमानें का फ़ायदा है उतना ही न सीख कर पैसा गवानें का नुकसान भी है, आइये विस्तार से जानते है की शेयर मार्केट के फ़ायदे और नुकसान क्या है?
शेयर बाज़ार के फ़ायदे (Advantage of Share Market in Hindi)
शेयर बाज़ार जब भी कोई बंदा एंट्री करता है तब उसका मकसद पैसा कमाना होता है यानी बिना किसी लाभ के कोई भी कुछ नहीं करता है ऐसे कई लोग शेयर बाज़ार सीखनें भी आते है पर ज्यादातर लोग पैसा कमानें ही आते है.
तो आइये शेयर मार्केट के फ़ायदे क्या है जानते है.
- कम समय में ज्यादा रिटर्न: अगर शेयर बाज़ार में सही ढंग से ट्रेडिंग किया जाए वो भी पूरी रिसर्च और प्लानिंग और लर्निंग के साथ तो शेयर मार्केट यानि जिसे दूसरी भाषा में स्टॉक मार्केट भी कहते है यहाँ पर कम समय में ही अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है.
- कंपनी में हिस्सेदारी: जब भी कोई इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करता है तो वह किसी भी कंपनी में पैसा लगता है जिसमें इन्वेस्टर्स की भी उस कंपनी में हिस्सेदारी हो जाती है.
- टैक्स लाभ: यदि कोई इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट में long term के लिए जैसे 1 साल से अधिक समय के लियें पैसा इन्वेस्ट करता है तो उसे केवल 10% का टैक्स देना होता है, लेकिन अगर वहीँ पर शार्ट टर्म के लिए कोई इन्वेस्टर्स पैसा लगता है तो उसे 15% तक का टैक्स और साथ ही में 3% सेस के रूप में टैक्स देना होता है.
- हाई रिटर्न: शेयर मार्केट में यदि लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट किया जाए तो इसमें पैसा कई गुना ज्यादा रिटर्न भी देता है.
- पैसिव इनकम सोर्स: यदि सही ढंग और पूरी रिसर्च और एनालिसिस के साथ लॉन्ग टर्म के लिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया जाए तो यह किसी पैसिव इनकम से कम नहीं है.
- समय की आजादी: शेयर मार्केट में आप कभी भी इन्वेस्ट कर सकते है यानी की मार्केट खुलनें के बाद और बंद होने के पहले जब आपके पास समय हो तब आप इन्वेस्ट कर सकते है इसमें कोई समयबध्धता नहीं है.
- जगह की आजादी: स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए कहीं स्पेसिफिक जगह जानें की जरुरत नहीं पड़ती है, अगर आप घर से दूर कहीं भी गए है तब भी आप आसानी से अपनें मोबाइल या लैपटॉप या टैब के माध्यम से इन्वेस्ट कर सकते है.
- पैसे से पैसे कमाना: शेयर बाज़ार में शारीरिक मेहनत नहीं करना होता यदि आपको शेयर मार्केट का नॉलेज है और आप खुद की रिसर्च करके इन्वेस्ट करते है तो पैसे से पैसे कमाना बहुत ही ज्यादा आसान काम है नजो की बड़े बड़े लोग करते है.
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शेयर बाज़ार के नुकसान (disadvantage of share market in hindi)
शेयर बाज़ार में आने के बाद छोटे और नए इन्वेस्टर्स लालच में आ कर अपना पैसा गवां बैठते है ऐसे में उन्हें वित्तीय और मानसिक नुकसान भी झेलना पड़ता है, आइये जानते है की शेयर बाज़ार के नुकसान क्या है?
- नॉलेज की कमी: नॉलेज की कमी की वजह से कई इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स शेयर मार्केट में पैसा गवां बैठते है, ऐसा इसलिए क्योंकि वह किसी भी शेयर्स की प्राइस को अप देखकर पैसा तो लगा देते है बाद में पता चलता है की यह पंप एंड डंप है, यह ऑपरेटर द्वारा आपरेट हो रहा होता है, इसलिए शेयर मार्केट में बिना नॉलेज के पैसे नहीं लगानें चाहिए फ़िलहाल सीखनें के लिए थोड़े अमाउंट से कई लोग शुरुआत भी करते है.
- लालच: बहुत सारेनए इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट में लालच में आकर पैसा इसलिए लगाते है की शर्मा जी आज से कुछ साल पहले शेयर मार्केट में लाखों रूपए लगाये थे और आज शर्मा जी करोड़पति है, जबकि नए इन्वेस्टर्स को यह देखना चाहिए की शर्मा जी कितनें साल पहले इन्वेस्ट किये थे और उनके पास स्टॉक मार्केट के बारे में कितना नॉलेज है.
- स्कैम: शेयर मार्केट के इतिहास में कई ऐसे स्कैम भी हुए है जिनकी वजह से पूरे मार्केट में तबाही आ गयी थी ऐसे में शेयर बाज़ार में बहुत सारे कारण होते है जिससे शेयर बाज़ार क्रेश भी हो जाता है.
- लोन लेकर निवेश: शेयर बाज़ार में एक बड़ा नुकसान तब भी हो जाता है जब बिना सोचे समझें हम लोन लेकर इन्वेस्ट करते है फिर मार्केट डाउन हो जाने के बाद पैसा डूब जाता है.
शेयर होल्डिंग क्या होता है? What is Share Holding in Hindi
शेयर होल्डिंग क्या होता है? अगर इसको सिंपलवे में समझें तो ‘जब हम शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी का शेयर ख़रीदते है और उसे कुछ समय के लिए होल्ड करके रखते है ताकि बाद में मुनाफ़ा होनें पर बेच सकें, इसी खरीदनें और बेचनें के बीच शेयर को होल्ड करके रखनें को शेयर होल्डिंग कहतें है’.
(यह केवल इनफार्मेशन है न की सलाह इसलिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करनें से पहले खुद रिसर्च करें या एक्सपर्ट्स की सलाह लें)
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