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    शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है? Share Market vs Mutual Funds in Hindi 2023

    Financial SangamBy Financial SangamJune 10, 202311 Mins Read

    हेलो दोस्तों, स्वागत है आपका एक और नए लेख में, आज के इस लेख में हम जानेंगे की शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर होता है, यानी Share Market vs Mutual Funds in Hindi 2023.

    दोस्तों जैसा की हम सभी जानते हैं की पिछलें कुछ सालों में इन्वेस्टिंग में लोगों की जिज्ञासा बहुत ज्यादा बढ़ी है जिसमें से बहुत से लोग शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड के साथ और भी कई एसेट्स में निवेश कर रहे है और बहुत सारे लोग इसे सीखना भी चाहते हैं.

    ऐसे में शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड को सीखना और सीखकर निवेश करना एक महत्वपूर्ण प्रोसेस होता है, क्योंकि शेयर मार्केट में ज्यादातर लोग बिना किसी जानकारी घुस जाते है जिसके कारण उन्हें बाद में भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है.

    अगर आप भी निवेश को लेकर सीरियस हैं आपको यह समझ नहीं आ रहा है की शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में किसे चुने तो इस लेख को पूरा जरूर पढियें क्योंकि इस लेख में हम जानेंगे की शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर होता है, और इन दोनों में सबसे अच्छा क्या है.

    इन दोनों में अंतर जाननें के बाद आप ख़ुद डिसाइड कर सकते हैं की आपको किसमें निवेश करना चाहिए और किसमें नहीं, और इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह होगा की क्या हमें इन दोनों में निवेश करना चाहिए. इन सारे सवाल ले साथ आइये आगे बढ़ते है.

    Share Market vs Mutual Funds in Hindi

    लेकिन इससे पहले की हम जानें की शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है आइये जानते है की आख़िर शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड क्या है?

    शेयर मार्केट क्या होता है? Share Market Kya Hota Hai

    Table of Contents

    • शेयर मार्केट क्या होता है? Share Market Kya Hota Hai
    • म्युचुअल फंड क्या है? Mutual Funds Kya Hai
    • शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में अंतर (Different Between Share Market and Mutual Funds in Hindi)
    • Share Market vs Mutual Funds in Hindi
    • शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है? इसमें से बेस्ट क्या है?

    शेयर मार्केट जिसे दूसरे शब्दों में स्टॉक मार्केट भी कहते हैं, शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट होता है जहाँ पर अलग-अलग कंपनी के शेयर्स की ख़रीद और बिक्री होती है, शेयर मार्केट आम मार्केट की तरह नहीं होता है जहाँ पर हम कुछ भी ख़रीद सकते है बल्कि इसमें ट्रेडर या इन्वेस्टर्स कंपनी के शेयर्स की ख़रीद और बिक्री से मुनाफ़ा कमाते हैं.

    शेयर मार्केट में अक्सर वही लोग अच्छा पैसा कमाते हैं जो नॉलेज और प्लानिंग के साथ निवेश करते है, इसमें वे लोग अक्सर पैसा गवाते हैं जो बिना सीखे लालच में आकर पैसा लगाते हैं.

    शेयर मार्केट में रिस्क तो होता है पर पैसे कमाने का मौका भी ज्यादा होता है, अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर्स में निवेश करने के लिए एक डीमैट अकाउंट की भी जरुरत होती है.

    ऐसे में शेयर मार्केट तथा म्युचुअल फंड के साथ और भी कई एसेट्स में निवेश करने के लिए सबसे अच्छा और यूजर फ्रेंडली ब्रोकर ऐप UPSTOX है जहाँ पर बिना किसी हिडेन चार्जेज के आप अकाउंट खोल सकते हैं और आसानी से KYC भी कर सकते हैं और अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी को शुरू कर सकते है.

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    यह भी पढ़ें- जानें की शेयर मार्केट क्या है और यह कैसे काम करता है?

    इससे पहले हम जानें शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है? Share Market vs Mutual Funds in Hindi 2022. आइये जानते हैं म्युचुअल फंड क्या होता है?

    म्युचुअल फंड क्या है? Mutual Funds Kya Hai

    “म्युचुअल फंड किसी कंपनी में कई निवेशकों द्वारा निवेश किये गए पैसों का एक फंड होता है जिसे फंड मैनेजर द्वारा अलग-अलग जगहों जैसे-स्टॉक्स, बांड्स या किसी अन्य प्रॉपर्टी या एसेट्स में निवेश किया जाता हैं, जिससे निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न मिल सके”

    म्युचुअल फंड को एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर मैनेज करता है, जिसको यह पता होता है की निवेशको द्वारा इकट्ठे किये गए फंड्स को कब, कहाँ और कैसे निवेश करना है, जिससे निवेशकों को कोई नुकसान न हो, निवेशकों के पोर्टफोलियों को फंड मैनेजर ही मैनेज करता है.

    इसलिए म्युचुअल फंड कंपनियां ऐसे फंड मैनेजर को हायर करती हैं जिसे शेयर मार्केट, बांड्स या फिर किसी और एसेट्स के बारें में पूरी जानकारी होती है और वह निवेश में बहुत ज्यादा माहिर होता है.

    प्रोफेशनल फंड मैनेजर का मुख्य उद्देश्य यही होता है की निवेशकों का पैसा अच्छे स्टॉक्स, अच्छे बांड्स या फिर अच्छे से अच्छे एसेट्स में इन्वेस्ट हो ताकि निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न मिलें, क्योकि निवेशकों के प्रॉफिट या लॉस से ही फंड मैनेजर भी प्रॉफिट या लॉस होता है.

    इसलिए फंड मैनेजर निवेशकों के पैसे को बढ़ानें का हर संभव प्रयास करता है, इसके साथ ही म्युचुअल फंड्स में बहुत ज्यादा नॉलेज की ज़रूरत नहीं होती है, फिर भी अच्छी म्युचुअल फंड कंपनी का रिसर्च करना ज़रूरी होता है.

    आइये अब जानते है की शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर होता है. इसके बाद हम Share Market vs Mutual Funds in Hindi में कुछ ख़ास अंतर को जानेंगे.

    ये भी पढ़ें-

    • शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें?
    • म्युचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

    शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में अंतर (Different Between Share Market and Mutual Funds in Hindi)

    यह सवाल हर एक निवेशक के दिमाग में आता है की शेयर मार्केट में निवेश करें या फिर म्युचुअल फंड में, तो आज हम इसी टॉपिक पर बात करेंगे, इस लेख में हम स्टॉक मार्केट और म्युचुअल फंड्स के Different को समझेंगे जिससे आप यह डिसाइड कर पायें की आपके लिए इसमें से बेहतर कौन सा है.

    आइये सबसे पहले Stock Market और Mutual Funds के Concept को समझ लेते हैं ताकि आपको आगे की चीज़े आसानी से समझ में आ जाए. तो चलिए आगे जानते है.

    दरअसल स्टॉक्स मार्केट, कम्पनीज़ के लिए लोगों से पैसा उठानें का जरिया है, यानी स्टॉक मार्केट में कंपनियां लोगों से पैसा उठाती है और उन पैसें के बदले में लोगों को शेयर्स देती हैं, ऐसे में जब कोई कंपनी स्टॉक मार्केट से पैसा उठाती है तो उससे कंपनी को पैसा मिल जाता है और उसमें निवेश करनें वाले लोगों को उसके बदले में शेयर होल्डिंग यानी भागेदारी मिल जाती हैं.

    अब कंपनी की जो शेयर प्राइस होती है वो लॉन्ग टर्म में कंपनी के ग्रोथ को फॉलो करती है, अगर कोई कंपनी अच्छी ख़ासी ग्रोथ कर रही है तो उसकी शेयर प्राइस लॉन्ग टर्म में बढ़ेगी और अगर कंपनी ख़राब परफॉर्म कर रही है तो लॉन्ग टर्म में उस कंपनी की शेयर प्राइस गिर जाएगी.

    जैसे की हम देखते आये हैं Infosys, TCS, HDFC Bank ने अच्छा परफॉर्म किया है, जिसके चलते लॉन्ग टर्म में इन कम्पनीज़ की शेयर प्राइस बढ़ी है. वहीँ पर रिलाइंस कम्युनिकेशन जेट एयरबेज और आईडिया, वोडाफ़ोन ने ख़राब परफॉर्म किया है जिससे इन कम्पनीज़ की शेयर प्राइस लॉन्ग टर्म में गिरी है.

    तो शेयर मार्केट इसी कॉन्सेप्ट पर चलता है ऐसे में शेयर मार्केट उन्ही लोगों के लिए है जिन्हें पता है की कम्पनीज़ को कैसे एनालाइज करना है, या फिर वह कम्पनीज़ को एनालाइज करना सीखना चाहते हैं.

    क्योंकि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको उस कम्पनीज़ के बारे में पूरी जानकारी लेनी होगी जिसमें आप निवेश करना चाहते है, ऐसे में अगर आप इन सारी चीजों को सीखना चाहते है तो शेयर मार्केट में आप इन्वेस्ट कर सकते हैं.

    क्योंकि शेयर मार्केट में निवेश करना कोई आसान काम नहीं होता है इसमें कम्पनीज़ को एनालिसिस करना होता है कंपनी के मैनेजमेंट का और कंपनी के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का भी, साथ ही कंपनी का वैल्यूएशन भी निकालना होगा, अतः शेयर मार्केट एक रिसर्च वाला काम है, स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको थोड़ी बहुत तो मेहनत करनी ही पड़ेगी.

    अब आइये म्युचुअल फंड को भी समझ लेते हैं, तो, म्युचुअल फंड एक फंड होता है जिसमें बहुत सारे लोग निवेश करते है फिर वो फंड उन पैसों को कहीं पर भी इन्वेस्ट करते हैं, अब ऐसे में इसमें निवेश करनें वालों को यह डिसीजन नहीं लेना होता है की किस कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करना है और न ही स्टॉक मार्केट की तरह इसमें कंपनियों की रिसर्च करनी होती है.

    ये सारा काम उस फंड का फंड मैनेजर करता है, म्युचुअल फंड का फंड मैनेजर यह डिसाइड करता है की आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा किस कम्पनीज में इन्वेस्ट किया जाएगा, इसमें सारी रिसर्च वह फंड मैनेजर ही करता है.

    मुख्यतः दो तरह के म्युचुअल फंड होते है पहला Equity Mutual Funds और दूसरा Debt Mutual Funds, इक्विटी म्युचुअल फंड्स स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते है और डेब्ट म्युचुअल फंड्स डेब्ट सिक्योरिटी में इन्वेस्ट करते है जैसे बांड्स डीबेंचर etc.

    ऐसे में अगर आप इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेश करते हैं तो आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं होती है, सारे डिसीजन उस फंड मैनेजर के द्वारा लिए जाते हैं, इसलिए म्युचुअल फंड में यह चेक करना इम्पोर्टेंट हो जाता है की म्युचुअल फंड का फंड मैनेजर कैसा है क्योंकि आपके सारे फाइनेंसियल डिसीजन फंड मैनेजर लेता है.

    म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए आपको कंपनी या बॉन्ड की एनालिसिस करने की ज़रूरत नहीं होती है, लेकिन इस चीज का एनालिसिस करना ही होता है की किस म्युचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करना है क्योंकि इंडिया में 2000 से भी ज्यादा म्युचुअल फंड्स स्कीम है.

    लेकिन अब सवाल यह उठता है की इन स्कीम्स में से किसको चुनें, ऐसे में आपको उस म्युचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करना चाहिए जिसका फंड मैनेजर ठीक हो और आपको सुटेबल बैठता हो. इसमें भी आपको थोड़ी बहुत रिसर्च करनी ही होती है.

    ऐसे में अब आइये हम इसके कुछ एडवांस Different को जान लेते हैं. लेकिन उससे पहले आपको एक disclaimer देना चाहता हूँ.

    Disclaimer– चूंकि शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड दोनों रिस्की होते हैं जिसमें पैसे खोने या कम रिटर्न मिलने की भी संभावनायें होती है इसलिए इसमें इन्वेस्ट करनें से पहले खुद से रिसर्च करें या अपने फाइनेंसियल एडवाइज़र से सलाह लें, इस लेख का मकसद जानकारी मात्र है न की सलाह.

    तो आइये आगे हम जानते हैं Share Market vs Mutual Funds in Hindi 2022

    Share Market vs Mutual Funds in Hindi

    शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर आइये डिटेल्स में जानते है.

    शेयर मार्केट (Share Market)म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds)
    शेयर मार्केट में निवेश करनें के लिए आपको उस स्टॉक्स या कंपनी के बारें में पूरी रिसर्च करनी होती है जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं. म्युचुअल में कंपनी और स्टॉक्स की रिसर्च नहीं करनी होती, बल्कि इसमें अच्छी म्चुयुअल फंड स्कीम और अच्छे फंड मैनेजर को चुनना होता है, जो केवल एक बार ही करना होता है.
    शेयर मार्केट में स्टॉक्स के सभी पोर्टफोलियो को आप ख़ुद मैनेज करते हैंम्युचुअल फंड में आपका पोर्टफोलियो फंड मैनेजर मैनेज करता है.
    शेयर मार्केट में आप अपने अनुसार अच्छे स्टॉक्स चुन सकते हैं और उसे ख़रीद और बेचकर तुरंत ही फ़ायदे कमा सकते हैं.म्युचुअल फंड में आपका फंड मैनेजर ही सब कुछ करता है इसलिए इसमें यह मौका नहीं मिलता है की आप किसी स्टॉक्स को ख़रीद और बेच सकते है.
    स्टॉक्स में इन्वेस्ट करके आपको डेवीडेंट मिलता है, अगर आप इसमें लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं तो आप डेवीडेंट पर ही रिटायर्ड लाइफ जी सकते हैं.म्युचुअल फंड्स में डेवीडेंट के चांसेज कम होते है पर लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करने से Compounding का बेनीफिट मिलता है.
    शेयर मार्केट में रिश्क बहुत ही ज्यादा होता है आपकी छोटी सी ग़लती से भारी नुकसान हो सकता है.म्युचुअल फंड्स में भी रिश्क होता है पर स्टॉक मार्केट की तुलना में थोड़ा कम होता है लेकिन यह मार्केट के ऊपर डिपेंड करता है, औरआपके फंड मैनेजर की एक ग़लती से आपके पोर्टफोलियो पर असर पड़ सकता है.
    शेयर मार्केट में आप एक, दो या चार में इन्वेस्ट कर करते है. ऐसे आपका डिसीजन गलत होने पर नुकसान हो सकता है.म्युचुअल फंड में फंड मैनेजर आपके पैसों को डिवाइड करके इन्वेस्ट करते है. जिससे एक में नुकसान होता है तो चार में फ़ायदे होते है इससे आपके पोर्टफोलियो पर कम असर पड़ता है.
    शेयर मार्केट में ब्रोक्रेज फ़ीस के साथ ट्रांजेक्सन फ़ीस का भी भुगतान करना होता है.म्युचुअल फंड में आपको फंड मैनेजमेंट चार्ज, फ्रंट-एंड लोड/बैक-एंड लोड चार्ज, अर्ली रिडेम्पशन चार्ज आदि का भुगतान करना होगा।
    शेयर बाजार में उसी को फ़ायदा मिलता है जो इसको सीखना चाहते हैं या फिर जिसको इसकी पूरी जानकारी होता है.म्युचुअल फंड में ज्यादा जानकारी की ज़रूरत नहीं होती है इसलिए इसमें कोई भी निवेश कर सकता है.

    दोस्तों अब तक हमनें जाना Share Market vs Mutual Funds in Hindi के बारे में, लेकिन अगर आप शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड में से किसी एक में निवेश करना चाहते हैं तो ठीक है पर मेरा मानना है की अपने फाइनेंसियल को देखते हुए दोनों में निवेश करना एक बेस्ट डिसीजन हो सकता है. लेकिन यह कोई एडवाइज नहीं है.

    शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है? इसमें से बेस्ट क्या है?

    यह भी पढ़े-

    • टॉप 15 एलेक्टिक व्हीकल स्टॉक्स
    • 10 पॉवरफुल बिज़नेस आइडियाज

    तो दोस्तों आशा करते हैं आज के इस लेख शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है? Share Market vs Mutual Funds in Hindi 2023 से आपको कुछ जानकारी ज़रूर मिली होगी, इसी तरह की और जानकरियों से अपडेट रहनें के लिए ट्विटर पर हमें फॉलो जरूर करें और हमारे टेलीग्राम ग्रुप को जरूर जॉइन करें

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