यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? Trading vs Investing in Hindi, जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के बारें में आसान शब्दों में बेहतर ढ़ंग से समझाया गया है. लेकिन जब तक इस आर्टिकल को पूरा नहीं पढेंगे तब तक समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए उम्मीद है की आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर, अच्छे से समझने की कोशिश करेंगे.
शेयर मार्केट में दिलचस्वी रखने वाले नए निवेशक हमेशा इस बात को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है. तो चलिए सबसे पहले जानते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या है?
ट्रेडिंग क्या होता है? What’s Trading in Stock Market Hindi
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? इसे जानने से पहले हमें शेयर मार्केट क्या है? यह जानना ज़रूरी है, तो “जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स अथवा हिस्सेदारी की ख़रीद या बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट(Share Market) या शेयर बाजार कहते हैं.”
अब बात आती है ट्रेडिंग क्या होता है? अगर आसान शब्दों में समझें की ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है तो किसी भी वस्तु की सेवा का ख़रीद और बिक्री करके मुनाफ़ा कमाना ही ट्रेडिंग कहलाता है. यदि दूसरे शब्दों में समझें तो शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को एक दिन से एक वर्ष तक होल्ड करके रखने की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं.
शेयर बाजार में ट्रेडिंग शार्ट टर्म के लिए होता है इसलिए यह बहुत ही ज्यादा रिस्की होता है, लेकिन अगर आपके पास नॉलेज है और टेक्निकल एनालिसिस की समझ है तो आप मोटा मुनाफ़ा बहुत ही कम समय यानि 5 से 10 मिनट में कमा सकते हैं. ट्रेडिंग करते समय एक छोटी सी भी ग़लती आपके कैपिटल को ख़त्म कर सकती है.
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? Types of Trading in Stock Market Hindi
स्टॉक मार्केट(Stock Market) में ट्रेडिंग को मुख्यतः चार पार्ट में डिवाइड किया गया है.
- इंट्राडे ट्रेडिंग
- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
- स्विंग ट्रेडिंग
- पोजिसनल ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? What’s Intraday Trading in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अंदर स्टॉक को ख़रीदना और बेचना पड़ता है अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी एक ही दिन में नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर उसे बेच देगा फिर चाहे आपको मुनाफ़ा हुआ रहे या फिर नुकसान. केवल एक दिन में ख़रीदने और बेचने की वजह से इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, इसमें रिस्क और मुनाफ़ा दोनों ही बहुत ही ज्यादा होता है.
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है? What’s Scalping Trading in Hindi
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को कुछ मिनट के लिए ही ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कहा जाता है स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में भी रिस्क बहुत ही ज्यादा होता है. लेकिन यदि आप इसमें पूरी स्ट्रैटजी के साथ ट्रेड करते हैं तो मुनाफ़ा भी तगड़ा होता है.
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? What’s Swing Trading in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन या कई हफ़्तों के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं. यदि स्टॉप लोस लगा कर अच्छे तरीक़े से स्विंग ट्रेडिंग किया जाए तो यह लाभकारी हो सकता है स्विंग ट्रेडिंग शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म मार्केट मूवमेंट जानने की बहुत ही अच्छी सम्भावना होती है.
पोजिसनल ट्रेडिंग क्या है? What’s Positional Trading in Hindi
पोजिसनल ट्रेडिंग क्या है? स्टॉक मार्केट में जब किसी स्टॉक में इस उम्मीद से पैसा लगाया जाता है की यह लॉन्ग टर्म में एक बेहतर रिटर्न देगा यानि की जब किसी स्टॉक को लंबे समय के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे पोजिसनल ट्रेडिंग कहते हैं.
इन्वेस्टिंग क्या होता है? What’s Investing in Stock Market Hindi
शेयर मार्केट (Share Market) में इन्वेस्टिंग यानि निवेश शब्द होता ही नहीं है. शेयर्स की ख़रीद और बिक्री को ट्रेडिंग कहते हैं फिर चाहे उसमें कितने भी समय का अंतराल क्यों न हो. लेकिन हम अपनी सुविधा अनुसार लॉन्ग टर्म जैसे-1 वर्ष से अधिक के समय तक शेयर्स को होल्ड रखने की प्रक्रिया को इन्वेस्टिंग का नाम दे दिए.
हालाँकि एक साल तक किसी भी स्टॉक को होल्ड करने के बाद वह स्टॉक टैक्स फ्री हो जाता है. यानि अगर किसी स्टॉक को एक साल से कम समय के लिए होल्ड रखा जाता है तो उसमें टैक्स देना होता है लेकिन यदि वही स्टॉक एक साल से अधिक समय के लिए होल्ड रखा जाता है तो उसमें कोई भी टैक्स नहीं देना होता है.
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यदि आसान शब्दों में समझें की शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग क्या है? तो “किसी भी कंपनी के स्टॉक्स को जब लंबे समय के लिए होल्ड रखा जाता है (जैसे- एक वर्ष से अधिक के लिए) तो उसे इन्वेस्टिंग कहा जाता है”. शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को जब हम लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदते हैं तो कंपनी के परफॉरमेंस के हिसाब से हमें अच्छा ख़ासा रिटर्न मिलता है, जो की ट्रेडिंग की तुलना में कम रिस्की होता है लेकिन लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग में कुछ साल के बाद मुनाफ़ा होता है.
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इन्वेस्टिंग कितने प्रकार के होती है? Types of Investing in Stock Market Hindi
शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग मुख्यतः दो प्रकार की होती है. 1) वैल्यू इन्वेस्टिंग 2) ग्रोथ इन्वेस्टिंग
वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या है? Value Investing in Hindi
शेयर मार्केट में जब भी किसी अच्छी कंपनी का शेयर नीचे आता है तो बहुत से इन्वेस्टर उस शेयर को ख़रीदने की सलाह देते हैं जिसे वैल्यू इन्वेस्टिंग कहा जाता है क्योंकि अच्छी कंपनियों का शेयर आज नहीं तो कल अच्छा रिटर्न देता है.
बड़े बड़े इन्वेस्टर वैल्यू इन्वेस्टिंग में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने को सजेस्ट करते है.
ग्रोथ इन्वेस्टिंग क्या है? Growth Investing in Hindi
शेयर मार्केट में जब भी किसी कंपनी की ग्रोथ की संभावनाएं ज्यादा होती है तो उसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते है जिसे ग्रोथ इन्वेस्टिंग कहा जाता है. इसमें प्रायः कंपनी के फण्डामेंटल को देखकर ही निवेश किया जाता है.
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? Trading vs Investing in Hindi
अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में मुख्य अंतर यही होता है की ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत ही शार्ट टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है और इन्वेस्टिंग में किसी कंपनी के शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है. इसके अलावा भी आइये जानते है ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या फ़र्क होता है?
Difference between trading and investing in stock market in hindi
ट्रेडिंग | इन्वेस्टिंग |
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कम समय के लिए होता है जैसे- कुछ मिनट, कुछ घंटे, एक दिन, कुछ हफ़्तों या फिर एक वर्ष तक | शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग लॉन्ग टर्म के लिए होता है जैसे- एक वर्ष से कई सालों तक |
शेयर मार्केट के किसी भी स्टॉक में ट्रैड करने के लिए स्टॉक बहुत ही कम पैसों में मिल जाता है. | इन्वेस्टिंग में किसी शेयर्स को पूरा ख़रीदना पड़ता है क्योंकि वह लंबे समय तक होल्ड पर होता है. |
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है जबकि | इन्वेस्टिंग में किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ता है. |
ट्रेडिंग में ट्रेडर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते है. | इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लंबे समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है. |
इसमें जितना कम समय में अच्छा मुनाफ़ा होता है उतने ही कम समय में पैसा भी डूब जाता है. यानी रिस्क ज्यादा होता है. | इसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए किसी भी स्टॉक को होल्ड करके रखता है इसलिए पैसे डूबने का रिस्क बहुत ही कम हो जाता है. |
ट्रेडिंग में कम समय के अन्दर किसी भी स्टॉक को ख़रीदने और बेचने वालों को ट्रेडर कहा जाता है. | इन्वेस्टिंग में लंबे समय तक किसी भी स्टॉक को होल्ड रखने वालों को इन्वेस्टर कहा जाता है. |
चेतावनी- फाइनेंसियल संगम किसी भी स्टॉक में निवेश करने की सलाह नहीं देता. शेयर बाजार जोख़िम भरा निवेश है इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले ख़ुद से रिसर्च करें या अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें.
तो दोस्तों आशा करते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या है और शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर क्या होता है पसंद आया होगा, ऐसे ही अधिक जानकारियों के लिए फाइनेंसियल संगम पर आते रहें और ट्विटर पर फॉलो ज़रूर करें.