DeFi क्या है। DeFi के फ़ायदे और नुकसान (Decentralized Finance Explained in Hindi)

DeFi क्या है? (what is decentralized finance)

DeFi क्या है? DeFi के फ़ायदे और नुकसान क्या है, DeFi कैसे काम करता है, DeFi का इस्तेमाल कैसे करें, DeFi और CeFi में क्या अंतर है, DeFi की शुरुआत कब हुई तो सबसे पहले आपको बता दूँ की deFi(decentralized finance) का हिंदी meaning विकेंद्रीकृत वित्त जबकि ceFi का हिंदी meaning केंद्रीकृत होता है.

दोस्तों DeFi क्या है। Decentralized Finance के फ़ायदे और नुकसान (Decentralized Finance Explained in Hindi) तो दोस्तों इन्टरनेट की दुनिया भी बड़ी कमाल की है क्योंकि इस दुनिया में हर दिन कोई न कोई नया Short form हम सबके बीच आता रहता है जिसे हमें क्रैक करना होता है, defi इसी में से एक है आइये जानते है की defi क्या है। और defi कैसे काम करता है.

[2022] DeFi क्या है। DeFi के फ़ायदे और नुकसान (Decentralized Finance Explained in Hindi)

दोस्तों जब हम किसी बैंक में पैसा जमा करते है तो बैंक हमें उस कैपिटल पूँजी पर कुछ ब्याज देता है साथ ही उसी पैसे को ज्यादा इन्ट्रेस्ट रेट पर किसी और को लोन देता है जिससे उसकी कमाई होती है.

लेकिन इन सभी के बीच हमें यह नहीं पता होता है की हमारा पैसा कहाँ जाता है किसके पास जाता है और बैंक उस पैसे से कितनी कमाई कर रहा है ये सब कुछ भी नहीं पता होता है और न ही हमें कोई बताता है. बैंक के पास centralized authority होने के कारण इस प्रक्रिया पर नियंत्रण होता है 

पर defi क्या है। decentralized finance एक ऐसा system है जो किसी person या बैंक के नियंत्रण में नहीं होता है defi इतना transparent है की आपका पैसा कहाँ, कब, किसके पास गया और उस पैसे पर कौन कितना इन्ट्रेस्ट दे रहा है ये सब आपको मालूम होता है और केवल मालूम ही नहीं होता बल्कि आपके पैसे पर जितना ब्याज मिलता है वो सारा का सारा पैसा आपके ही पास आता है.

अगर सरल भाषा में समझे की defi क्या है। तो defi वो व्यवस्था है जिसकी मदद से आप पब्लिक ब्लॉकचैन नेटवर्क पर फाइनेंसियल सर्विसेज का इस्तेमाल करते है बिना किसी central authority के.

यह कैसे काम करता है और इसका उद्देश्य क्या है उससे पहले आइये जानते है की centralized यानी केंद्रीकृत और decentralized यानि विकेंद्रीकृत क्या है।

केंद्रीकृत क्या है?(what is centralized In Hindi)

Centralized अर्थात् केंद्रीकृत क्या है इसका मतलब अगर आसान शब्दों में समझें तो जिसे समान रूप के किसी भी चीजों से बदला जा सके और वह गवर्मेंट या किसी संस्था के देखरेख में हो केंद्रीकृत(centralized) कहलाता है। केंद्रीकृत में हमारा डेटा कंपनियों, संस्थाओ या गवर्मेंट के पास होता है.

विकेंद्रीकृत क्या है?(what is decentralized In Hindi)

विकेंद्रीकृत क्या है अगर इसको देखा जाए तो इसे न तो हम किसी से बदल सकते है और न ही यह किसी गवर्मेंट, संस्था या institution के मैनेजमेंट में होता है अर्थात् विकेंद्रीकृत(decentralized) में हमारा डेटा हमारें पास होता है यह किसी भी गवर्मेंट, संस्था या institution के हाँथ में नहीं होता है.

DeFi का उद्देश्य क्या है? (What Is the Purpose of DeFi )

दोस्तों DeFi क्या है। जानने के बाद, अगर आप जानना चाहते है की deFi का उद्देश्य क्या है तो deFi का उद्देश्य है की finance की दुनिया में एक ऐसा माहौल बनाना जो open source हो यानी की सबके लिए उपलब्ध हो इसको वे लोग भी एक्सेस कर पाए जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है.

उसके अलावा वो permission less हो उसको कोई भी institution यह न decide करता हो की वो किसको अपनी सर्विस देगा किसको नहीं और यह transparent हो यानी हर ब्यक्ति अपना पैसा track करके यह देख सके की उसका पैसा कब और कहाँ इस्तेमाल में आ रहा है, और यह बिना किसी central authority के operated हो.

DeFi में बैंक की जगह smart contract होता है decentralized finance में real world asset जैसे प्रॉपर्टी या गोल्ड की बजाय क्रिप्टो asset use होता है जैसे की बिटकॉइन, इथेरियम कॉइन, USD coin tether coin etc.

DeFi कैसे काम करता है? (How DeFi Works In Hindi)

दोस्तों DeFi क्या है। इसको हमने पहले ही जान लिया आइये समझते है की defi कैसे काम करता है यानी की defi का इस्तेमाल कैसे होता है तो आइये इसको एक उदाहरण से समझते है मान लीजिये की आपके पास कुछ क्रिप्टो एसेट्स है जैसे की 1 लाख USD coin और आप इस पर इन्ट्रेस्ट कमाना चाहते है.

तो आपको इस coin को smart contract में जमा करना होगा अब जैसे ही कोई मिलेगा जिसको इस coin की जरुरत होगी तब वह अपना कोई क्रिप्टो एसेट्स smart contract के पास गिरवी रखकर ये USD coin ले सकता है जैसे की एक लड़का श्याम है जिसके पास 4 बिटकॉइन है अब श्याम को पैसे की जरुरत है पर श्याम बिटकॉइन को नहीं बेंचना चाहता.

ऐसे में श्याम इस बिटकॉइन को smart contract में गिरवी रखकर कुछ इन्ट्रेस्ट पर आपका USD coin ले सकता है पर ध्यान रहे श्याम अपना बिटकॉइन बेंच नहीं रहा बल्कि गिरवी रखकर कुछ USD coin लोन के तौर पर ले रहा है यानी की श्याम जब भी चाहेगा वो USD coin तय इन्ट्रेस्ट के साथ लौटाकर अपने बिटकॉइन वापस ले सकता है.

अब आपके मन में सवाल आएगा क्रिप्टो को गिरवी रखकर क्रिप्टो तो ही ले रहे है इसका क्या मतलब हुआ तो चलिए इसको एक ट्रेडिशनल फाइनेंस के example से समझते है जैसे मान लीजिये की मुझे कुछ रुपयों की जरूरत है और मेरे पास केवल कुछ गोल्ड पड़ा हुआ है अब मैं उस गोल्ड को बैंक के पास ले जाकर गिरवी रख के वहां पर लोन के तौर पर कुछ रूपए ले आऊंगा.

अब मैंने जो गोल्ड वहां पर जमा किया वो एक volatile asset है यानी की उसकी value घटती बढ़ती रहती है लेकिन जो मुझे उसके बदले में रुपया मिला उसकी वैल्यू लगभग fix रहती है ठीक वैसे ही decentralized finance में भी हो रहा है वहां पर हमने गिरवी के तौर पर बिटकॉइन रखा जो की volatile है और उसके बदले में जो हमें मिला वो USD कॉइन था जो की एक stable coin है जिसकी value स्थिर रहती है.

Defi का key advantage यह है की श्याम जो भी ब्याज के तौर पर पैसे देगा वो सीधे आपको मिल जाएगा और यह सब संभव हो पाता है smart contract के जरिये smart contract middle man के रूप में बहुत ज्यादा useful होता है

DeFi यानी decentralized finance ब्लॉकचैन पर आधारित होता है और इस तरीके से प्रोग्राम्ड होता है जिसमे अगर आप पहले USD coin smart contract को send करते है और श्याम smart contract को ईथर send करता है तो जैसे ही ये क्राइटेरिया पूरा होता है smart contract ऑटोमेटिक ही श्याम को लोन दे देता है और आपको उसका इन्ट्रेस्ट मिलना स्टार्ट हो जाता है आमतौर पर deFi में stable coin का use होता है जैसे USD coin, tether coin क्योंकि stable coin ज्यादा volatile नहीं होता है.

अब तक हमने जाना की deFi कैसे काम करता है और deFi का इस्तेमाल कैसे होता है आइये आगे जानते है की deFi और ceFi अर्थात decentralized finance और centralized finance में क्या अंतर है.

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DeFi और Cefi में अंतर (Difference Between DeFi and CeFi)

वैसे तो defi और cefi में बहुत सारे अंतर है पर आइये जानते है की Defi (decentralized finance) और cefi(centralized finance) अर्थात् ट्रेडिशनल फाइनेंस में कुछ महत्वपूर्ण अंतर क्या है.

DeFi और Cefi में अंतर
  • Defi और cefi में सबसे पहला अंतर है की जब आप पैसे जमा करते है तो centralized finance यानि ट्रेडिशनल फाइनेंस में बैंक उस पैसे को manage करता है, लेकिन defi यानि decentralized finance में आप अपने पैसों को खुद manage करते है.
  • Centralized finance में KYC यानि know your customer की जरुरत पड़ती है क्योंकि बैंक आपकी identity को save रखता है की किसको वो loan दे रहा है किसके पैसे वो जमा कर रहा है ये सब बैंक को मालूम होता है लेकिन decentralized finance में KYC की ज़रूरत नहीं होती है और KYC के बिना भी defi secure है.
  • Centralized finance में किसी भी सर्विस को लेने से पहले आपको institution की permission लेनी पड़ती है, लेकिन defi में कोई भी ब्यक्ति बिना किसी permission के किसी भी service का benefit ले सकता है.
  • दुनियां भर के जितने भी centralized finance institution है वो सीमित होते है जैसे की इंडिया का कोई भी ब्यक्ति अमेरिका की बहुत सारी services नहीं ले सकता या अमेरिका का कोई ब्यक्ति इंडिया की services का benefit नहीं ले सकता, पर decentralized finance blockchain technology पर काम करता है जो की एक ग्लोबल नेटवर्क है जिसे दुनिया भर के किसी भी देश का कोई भी ब्यक्ति use कर सकता है.
  • CeFi यानि centralized finance में timing limit होती है अर्थात् किसी भी बैंक या संस्था में छुट्टियां होती है और इसमें एक time limit होता है जब आप किसी भी फाइनेंसियल service का benefit ले सकते है, लेकिन defFi यानि decentralized finance में कोई time limit नहीं होती है आप साल के 365 दिन और 24 घंटे कभी भी इसका लाभ ले सकते है.

DeFi के फ़ायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of DeFi)

दोस्तों जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही अगर deFi यानि decentralized finance के बहुत सारे फ़ायदे है तो बहुत सारे नुकसान भी तो आइये जानते है की deFi के फ़ायदे और नुकसान क्या है.

DeFi के फ़ायदे (Advantages of DeFi In Hindi)

  • DeFi का सबसे पहला फ़ायदा है की आप पूरी दुनिया में पैसों का लेनदेन बिना किसी बैंक या संस्था के आसानी से कर सकते है.
  • DeFi के माध्यम से आप बिना कुछ गिरवी रखे भी loan ले सकते है.
  • DeFi के माध्यम से आप अपने क्रिप्टो बचत पर ब्याज ले सकते है यानि की उस coin पर इंटरेस्ट भी कम सकते है अर्थात् आपके पास कोई digital coin है तो आप उससे ब्याज कमा सकते है.
  • DeFi के माध्यम से आप कई फाइनेंसियल सर्विसेज का फ़ायदा उठा सकते है जैसे की इन्सुरेंस
  • किसी भी बैंक या संस्था की मध्यस्थता न होने के कारण deFi में loan लेना या इंटरेस्ट कमाना और पैसे बचाना काफ़ी आसान हो जाता है.
  • DeFi के माध्यम से किसी भी सर्विसेज का फ़ायदा आप 24 घंटे में किसी भी वक्त ले सकते है क्योंकि इसमें कोई holidays या weekend नहीं होता.

DeFi के नुकसान (Disadvantages of DeFi In HIndi)

  • DeFi का सबसे बड़ा जो नुकसान है वो है की आपका पैसा कभी भी डूब सकता है क्योंकि इसमें किसी भी bank या संस्था या किसी institution की मध्यस्थता नहीं होती है.
  • DeFi में आये दिन कोई न कोई फ्रॉड भी होता रहता है क्योंकि इसके कोई भी centralized system involve नहीं होता है.
  • DeFi में आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल सकता है इसलिए अलग-अलग देश में जब तक इसका कोई लॉ नहीं आ जाता तब तक इसमें पैसा लगाना थोडा risky हो जाता है.
  • DeFi की transaction speed कम है इसमें transaction cost भी ज्यादा होती है.
  • DeFi में सारी चीज़े ब्लॉकचैन based होती है इसलिए यूजर से अगर कोई mistakes होती है तो उसकी जिम्मेदारी किसी और नहीं होती है.

DeFi की शुरूआत कब हुई? (When did Decentralized Finance Start)

दोस्तों DeFi यानि Decentralized Finance की शुरूआत कब हुई इसको देखा जाए तो साल 2009 में cryptocurrency के साथ इसकी भी शुरुआत हुई थी लेकिन इसका turning point तब आया जब 2017 में maker dao प्रोटोकॉल आया.

जो की एक एथेरियम based प्रोटोकॉल है इसकी help से पहली बार blockchain technology पर loan लेने की प्रक्रिया शुरू हुई थी जाहिर है की यह loan बिना किसी centralized bank के दखलंदाजी के ले सकते थे और ऐसा पहली बार हो रहा था यहीं से ही जरुरत हुई stable coin की जो की इस लेनदेन को और भी trustable बना सकती है.

Cryptocurrency के volatile होने की वजह से लोगों के लिए यहाँ पर उधार लेना और देना दोनों ही risky था इसलिए maker dao का अपना खुद का stable coin आया जो की USD से based था फिर शुरुआत हुई.

USDC और USDT जैसे stable coin की जो की सभी इथेरियम टोकन ही है ऐसे में धीरे-धीरे नए प्रोटोकॉल आने लगे जैसे compound protocol 2018 में आया इसकी help से उधार लेना और देना और आसान हो गया फिर 2018 में ही uniswap एक्सचेंज की शुरुआत हुई जिस पर हम केवल ERC 20 token का एक्सचेंज कर सकते थे.

इस तरह decentralized finance को लोगों ने काफी पसंद किया और आज की date में compound protocol, uniswap जैसे प्लेटफ़ॉर्म का अपना खुद का token है मतलब जब कोई Protocol famous होने लगता है तो वो खुद के coin create कर लेता है जिसकी मदद से उधार लेना और देना आसान हो जाता है.

आज के समय में दर्जनों decentralized finance applications है जो लेनदेन की प्रक्रिया को transparent बनाने में अपना सहयोग दे रहे है, जैसे Sushiswap, Pancakeswap, Binance DEX etc. deFi का कुल मार्केट कैप लगभग ₹4,131,513,369,338 है.

तो दोस्तों आज हमने जाना की DeFi क्या है। DeFi के फ़ायदे और नुकसान क्या है, DeFi कैसे काम करता है, DeFi की शुरूआत कब हुई, CeFi और DeFi में क्या अंतर है. ऐसे ही और नॉलेजबल इनफार्मेशन के लिए हमें twitter फॉलो जरूर करें और हमारें टेलीग्राम चैनल ग्रुप को जॉइन करें.

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DeFi का फुल फॉर्म क्या है?

Decentralized Finance

CeFi का फुल फॉर्म क्या है?

Centralized Finance

DeFi मार्केट कैप कितना है?

लगभग ₹4,131,513,369,338

DeFi किस टेक्नोलॉजी पर आधारित है?

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी

DeFi Meaning क्या है?

विकेंद्रीकृत

CeFi Meaning क्या है?

केंद्रीकृत

DeFi Exchange कौन-कौन सी है?

Uniswap, Sushiswap, PancakeSwap, Binance DEX etc.

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