FPO क्या है? What’s FPO in Share Market

What is FPO: यदि आप शेयर मार्केट में दिलचस्वी रखते हैं तो आईपीओ का नाम ज़रूर सुनें होंगे, यानी कंपनियां जब शेयर मार्केट में पहली बार लिस्ट होती हैं तो वह आईपीओ(IPO) यानि Initial Public Offering के ज़रिये ही होती हैं, आईपीओ के साथ शेयर मार्केट में एफ़पीओ(FPO) यानि फॉलो ऑन पब्लिक ऑफरिंग को भी समझना ज़रूरी है, इसलिए यदि आप इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं की FPO क्या होता है? What’s FPO in Share Market? या फिर Follow on Public Offering kya hai तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए ताकि शेयर मार्केट में एफ़पीओ क्या होता है, दोबारा से सर्च करने की ज़रूरत न पड़े.

FPO क्या है? What’s FPO in Share Market

FPO (Follow on Public Offering) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके ज़रिये एक कंपनी जो शेयर मार्केट में पहले से लिस्टेड है, वह निवेशकों, प्रमोटर्स या शेयर होल्डर्स के लिए जब नए शेयर्स ज़ारी करती हैं तो कंपनी एफ़पीओ का सहारा लेती है.

FPO क्या है?

यदि दूसरे शब्दों में समझें की एफ़पीओ क्या है? तो “जब शेयर मार्केट में पहले से लिस्टेड किसी कंपनी को फंड्स की ज़रूरत होती है तो कंपनी एफ़पीओ के ज़रिये पब्लिक के लिए नए शेयर्स ज़ारी करती है.

शेयर मार्केट में कोई भी कंपनी अपना IPO लाकर प्रवेश करती है, उसके बाद दोबारा ज़रूरत पड़ने पर वह एफ़पीओ के ज़रिये फिर से अपने शेयर्स को ऑफर करती है.

कंपनियां FPO क्यों जारी करती हैं?

कंपनियों के एफ़पीओ ज़ारी करने के 3 मुख्य कारण हो सकते हैं जो की इस प्रकार है.

  1. बिज़नेस को बढ़ाने के लिए- अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए कंपनियों के पास जब फंड नहीं रहता है तो वह नए शेयर्स ज़ारी कर मार्केट से फंड जुटाती हैं.
  2. कर्ज को ख़त्म करने के लिए- कंपनियां अपने कर्ज को ख़त्म करने के लिए भी नए शेयर्स ज़ारी करके फंड्स जुटाती है.
  3. किसी कंपनी के स्टेकहोल्डर्स, ओनर्स या फिर प्रमोटर्स जब कंपनी से बाहर निकलते हैं तो वह एफ़पीओ के ज़रिये नए शेयर्स पब्लिक में ज़ारी करते हैं.

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आईपीओ और एफ़पीओ में क्या अंतर है? What is the difference between IPO and FPO?

जब कोई भी कंपनी शेयर मार्केट के किसी भी एक्सचेंज पर पहली बार लिस्ट होती हैं तो वह IPO यानि Initial Public Offering के ज़रिये अपने शेयर्स ज़ारी करती हैं, और अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए फंड्स जुटाती है.

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लेकिन एफ़पीओ यानि Follow on Public Offering में कंपनियां पहले से ही शेयर मार्केट के एक्सचेंज पर लिस्टेड होती है फिर दोबारा जब उन्हें किसी कारण वश फण्ड की ज़रूरत होती है तो वह FPO के माध्यम से नए शेयर्स ज़ारी कर फंड्स जुटाती है.

FPO Full Form

Follow on Public Offering

एफ़पीओ का फुल फॉर्म क्या होता है?

फॉलो ऑन पब्लिक ऑफरिंग

आईपीओ का फुल फॉर्म क्या होता है?

इनिसियल पब्लिक ऑफ़रिंग

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