मेटावर्स क्या है और इसका भविष्य क्या है(Metaverse Explained in Hindi 2024), Metaverse Meaning in Hindi, मेटावर्स के फ़ायदे और नुकसान, मल्टीवर्स क्या है? और मेटावर्स में पहली शादी
28 अक्टूबर 2021 में facebook के founder मार्क जुकरबर्ग अपनी कंपनी का नाम बदलकर Meta रखते है उसके बाद एक नया concept हर जगह चर्चे में आ जाता है जिसको हम मेटावर्स कहते है. अब मार्क जुकरबर्ग ने बिलकुल ठान ही लिया है की वो मेटावर्स को एक अलग ही लेवल पर लेकर जायेंगे.
इस प्रोजेक्ट के लिए फेसबुक ने 10 हजार लोगों को हायर करने की घोषणा भी की है इसके साथ ही कंपनी इस टेक्नोलॉजी में 50 मिलियन डॉलर का निवेश भी कर रही है.
पर आखिर मेटावर्स क्या है और इसका भविष्य क्या है इसको जानने से पहले आपको कुछ कल्पनाएँ करनी होगी जो हम सभी को अब तक काल्पनिक लगती थी क्योंकि ऐसा हम सभी किसी न किसी फ़िल्म में देख चुके होते है की कैसे एक इंसान के डबल रोल होते है और कोई इंसान किसी का हमशक्ल होता है.
एक इंसान कैसे किसी और दुनियां में चला जाता है अर्थात् आज तक फिल्मों या किताबों में जो हम वर्चुअल दुनियां देखते और पढतें आये है वह सच होने वाला है.
आपने कभी न कभी तो ये भी सुना या पढ़ा होगा की हिटलर के कई हम सकल थे. अब हिटलर जब चाहता था अपने कोई भी हम सकल को अपनी जगह पर किसी भी काम के लिए भेज देता था. उसी तरह इस वर्चुअल दुनियां में हम अपनी जगह पर अपने हम सकल को भेज सकते है और अपना काम डिजिटली कर सकते है.
ऐसे में मेटावर्स क्या है इसको जानने के लिए आपसे एक निवेदन है की कुछ देर के लिए आप इमेजिंग करिए की आप बिना घर से निकले यानी की घर बैठे ही कहीं पर जाओ और वहां पर अपना काम कर लो या कोई पार्टी या शादी भी अटेंड कर लो, लोगों से मिलों मौज मस्ती करो, कॉलेज जाओ, पूरी दुनियां घूमों.
आप जब चाहों जहाँ चाहों पहुँच जाओ, नौकरी पर जाओ, कार चलाओ, ट्रेन और हवाई जहाज चलाओ यानी की कुछ भी करो वो भी घर बैठे और किसी को पता भी न चले की आप असली हो या नकली और आपको भी नहीं महसूस होगा की यह वर्चुअल दुनिया है तो आपको कैसे लगेगा.
अब आप सोच रहे होंगे की ये कैसे संभव है की हम घर पर बैठे रहे और कहीं दूसरे स्थान पर मौजूद भी रहे. और मेरा काम भी हो जाए लोगों को पता भी न चले, ये कैसी बहकीं बहकीं बातें है.
तो दोस्तों आइये जानते है की मेटावर्स क्या है, मेटावर्स का इतिहास क्या है और मेटावर्स का भविष्य क्या है (Metaverse Explained in Hindi 2023), मेटावर्स के फ़ायदे और नुकसान क्या है. जिसकी वजह से ये सब संभव हो पायेगा.
मेटावर्स क्या है? (What Is Metaverse in hindi)
मेटावर्स क्या है इसको जब हम तोड़ते है तो मेटा का मतलब हो जाता है Beyond यानि सोच से परे और वर्स का मतलब है यूनिवर्स यानी ब्रम्हाण्ड अर्थात् अगर सिंपल और साधारण भाषा में समझे की मेटावर्स क्या है तो यह एक वर्चुअल दुनियां है जहाँ पर आप अपनें ही अवतार को बनाकर वर्चुअल दुनियां में भेज सकते है और वहां पर खाना पीना को छोड़ कर बाकी सब कुछ कर सकते है.
यहाँ तक मेटावर्स में हम क्रिप्टोकरेंसी से वर्चुअल ज़मीन भी ख़रीद सकते है जहाँ पर केवल डिजिटल करेंसी ही चलेगी जो ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
Metaverse Meaning In Hindi होता है की काल्पनिक दुनियां जहाँ पर आप केवल कल्पना करिए और वो सब रियल में होगा, तो चलिए इसको एकदम बेसिक से समझते है तो आज मेटावर्स क्या है तो बहुत ही simple में कहें तो आज के जो Metaverse है जैसे-Decentraland जो आज सबसे बड़ा Metaverse है.
इसका और एक example है फेसबुक के Horizon का जिसके आधार पर फेसबुक की होल्डिंग कंपनी ने अपना नाम बदलकर Meta कर लिया क्योंकि अब वो Metaverse पर फोकस करना चाहते है.
इसके फ्यूचर की बात हम बाद में करेंगे लेकिन आज मेटावर्स एक सोशल नेटवर्क है जिसके अन्दर आप बहुत सारे गेम्स खेल सकते है. तो दोस्तों आज के सोशल नेटवर्क कई तरीके के है जैसे- Instagram जहाँ पर हम फ़ोटो शेयर कर सकते है, व्हाट्सएप है जहाँ पर हम किसी को massage, photo, videos शेयर और रिसीव कर सकते है और हम सभी अपने जान पहचान के लोगों से बाते करते है.
इसके अलावा बहुत सारे डेटिंग apps भी है जिसकी मदद से हम किसी अनजान पर्सन से मिल सकते है पर हम इनसे मिलने के लिए टेक्स्ट कर सकते है Voice Call या Video Call कर सकते है.
लेकिन metaverse इस सोशल नेटवर्क को और आगे लेकर जाना चाहता है जहाँ पर आपका एक अवतार है सामने वाले का भी एक अवतार है और आप उस गेम रूम में जाते है, जहाँ पर अलग-अलग लोग अपने अवतार के साथ घूम रहे है, आप उनमें से किसी से जाकर हाँथ मिला सकते है, बाते कर सकते है, यहाँ तक शादी भी कर सकते है, जो एक अलग ही लेवल का सोशल नेटवर्क है.
सोशल नेटवर्क चैट से शुरू हुआ voice कॉल आया video कॉल आया अब Metaverse next है जहाँ आपके अवतार जाकर एक दुसरे से मिल सकते है तो ये ज्यादा realistic feel होता है अब वह एक सोशल नेटवर्क है जहाँ पर लोग एक दुसरे से मिलने और नेटवर्किंग करने आते है.
यदि आपने यह जान लिया है की मेटावर्स क्या है तो आइये जानते है की मेटावर्स का इतिहास क्या है?
मेटावर्स का इतिहास (History Of Metaverse)
दोस्तों अगर बात करें की मेटावर्स का इतिहास क्या है तो हमनें सबसे पहले अपने इमैजीनेशन को पेंटिंग के जरिये उसे सच दिखाने की कोशिश किये, की देखों पहाड़ ऐसे दिखता है और नदियाँ ऐसे दिखती है हम हर एक सुन्दर चीजों को पेंटिंग्स में उतारने लगे फिर मूर्तिओं में उतारने लगे उसके बाद फ़ोटो ग्राफ्स आई फिर मूवीज आई उसके बाद कलर्ड मूवीज आई अब हम उससे भी हम संतुष्ट नहीं थे उसके बाद 3D मूवीज आई.
उसके बाद मोशन गेम्स आया, जिसमें हम कोई गेम्स खेलते है तो लगता है की रियल में हो रहा है अब मेटावर्स क्या है की आपको इससे एक स्टेप और वेर्चुअल दुनियां में ले जाता है जहाँ पर आप वो सब कर पाएंगे जो आपने अभी कुछ देर पहले इमेजिंग किया.
मेटावर्स का आईडिया सबसे पहले Neal Stephenson को 1992 में आया जिसका जिक्र वे अपने नोवेल Snow Crash में किये है, और 1982 में विलियम गिब्सन की एक किताब से साइबर स्पेस शब्द आया, जबकि रोबोट शब्द 1920 में कैरेल कापेक के एक नाटक से उत्त्पन्न हुआ इसी श्रेणी में मेटावर्स आया.
हम सबको लगता है की मेटावर्स अभी आया लेकिन क्या आपको पता है 2003 में इसका एक वर्जन वर्चुअल वर्ल्ड पहले ही आ चुका है जिसके लगभग हाफ़ मिलियन users है जो वर्चुअल लाइफ 2003 से लेकर अभी तक जी रहे है. जिसको हम कह सकते है की इसका बच्चा पहले ही पैदा हो चुका है इसका नाम सेकंड लाइफ है.
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कैसी होगी मेटावर्स की दुनियां?
शरुआती दौर में 3D गेम्स के लिए आपको ख़ास मशीनों की जरूरत होती थी लेकिन आज के गेम्स खुली दुनिया की तरह है जिसमे आप कई तरह के काम कर सकते है हालाँकि असल जीवन में ऐसा नहीं होता.
वर्चुअल रियलटी की अलग दुनियां बनाने में विडियो गेमिंग इंडस्ट्री सफ़ल रही है गेम्स के जरिये अब कम्पनियाँ फैसन सो और म्यूजिक कार्यक्रम भी आयोजित करने लगी हैं.
फोर्ट नाईट ने जिस तरह से इस वक़्त पूरी दुनियां में फैसन सो का आयोजन किया वो अनूठा था इसमें लोगों को ठीक वैसे ही लॉग इन करके शामिल होने का मौका दिया गया जैसे वो गेम के लिए करते है.लोग गेम खेलने बैठे तो उसमें माहोल कंसर्ट का दिखा.
इस साल अगस्त में फ़ोर्ट नाईट जानी मानी सिंगर एरियाना ग्रांट के माने जाने वर्चुअल सो का आयोजन हुआ इसमें एरियाना के वर्चुअल अवतार की तरह के कपड़े और दूसरी चीज़ खरीदने का विकल्प भी था.
फ़ोर्ट नाईट जैसे मल्टी प्लेयर मल्टी डिवाइस स्कीम्स इस बात का उदाहरण है की अलग अलग तरह की डिवाइस से लोग एक साथ एक अलग दुनियां में जा सकते है तकनीक के जानकार कहते है की मेटावर्स में भीं ऐसा ही कुछ होगा. साथ में अगर हेरीपोटर मूवी देखी होगी तो उसमें भी इसी टेक्नोलॉजी का जिक्र है.
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मेटावर्स की वर्चुअल दुनिया में कैसे जाएँ?
दोस्तों अब तक हमनें जाना की मेटावर्स क्या है अब जानते है की मेटावर्स की वर्चुअल दुनियां में कैसे जाएँ यह एक सवाल है ऐसे में अगर आप भी Metaverse की दुनिया में जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ Basics चीजों की जरूरत पड़ती है.
इसके लिए सबसे पहले आपको लैपटॉप, हाई स्पीड इंटरनेट और VR हेडसेट की जरूरत होगी. आने वाले समय में Metaverse में आपको हेंडसेट गियर की भी जरूरत होगी. बता दें कि Facebook से पहले साल 2017 में Decentraland नामक स्टार्टअप ने इस कॉन्सेप्ट की शुरुआत पहले ही कर चुके है.
जिसके बाद आज कई कंपनियां Metaverse तकनीक बाजार में उतार चुकी हैं.इस वर्चुअल दुनिया में एंट्री करने के लिए आप Decentraland के वेबसाइट पर जा सकते हैं. जहां आपको सबसे पहले अपना एक अवतार क्रिएट करना होगा.
इस अवतार को आप कोई भी नाम या वेशभूषा दे सकते हैं. Metaverse की दुनिया में आप इसी अवतार के नाम से जाने जाएंगे. इस वर्चुअल दुनिया में आप जमीन और फ्लैट्स भी खरीद सकते हैं. यहां कई रियल स्टेट्स कंपनियां जमीन तैयारी कर रही हैं.
जिसके बाद आप अपना प्लॉट खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप यहां किसी इवेंट या पार्टी में भी एंट्री कर सकते हैं. बता दें कि Metaverse में जाने के लिए आप decentraland के अलावा The Sandbox और फेसबुक कंपनी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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मेटावर्स कब तक आएगा?
पूर्णरूप से मेटावर्स कब तक आएगा इसको लेकर Facebook के ऑफिशियल ब्लॉग पब्लिश किया है जिसमें अभी मेटावर्स (Metaverse) बनाने के शुरुआती चरण में है. इसलिए मेटावर्स कब तक आएगा इसका जवाब है की इसको तैयार होने में 10 से 15 साल का वक्त लग सकता है.
मेटावर्स को कोई एक कंपनी तैयार नहीं कर सकती. बल्कि, अलग-अलग टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा सा जाल है, जिस पर कई कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं और फिर शेयरिंग से ही सबको इसका एक्सेस मिलेगा.
मेटावर्स किसी एक चीज या टेक्नोलॉजी से नहीं बनेगा. इसमें सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, एसेट क्रिएशन, इंटरफेस क्रिएशन, प्रोडक्ट और फाइनेंशियल सर्विसेस जैसी कई कैटेगरी शामिल हैं.
फेसबुक के अलावा अल्फाबेट (गूगल की पैरेंट कंपनी), Apple, Snapchat जैसी बड़ी कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही हैं. एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक, साल 2035 तक मेटावर्स की इंडस्ट्री 74.8 लाख करोड़ रुपए की हो सकती है.
मेटावर्स का भविष्य (Future Of Metaverse)
आगे मेटावर्स का भविष्य क्या होने वाला है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है की मेटावर्स में बड़े-बड़े बिज़नेस मैन इन्वेस्ट करना start कर चुके है और अगर टेक्नोलॉजी की बात की जाए तो आज केवल सोशल मिडिया ही लोगों के दिलों दिमाग में बैठ चुकी है जो की नार्मल सी टेक्नोलॉजी है फिर वेब 3.0 और मेटावर्स तो इससे कई गुना बड़ी टेक्नोलॉजी है. तो सोचों इसका फ्यूचर क्या होगा.
अभी हाल ही में ऑटोमोबाइल से लेकर IT तक के बिजनेस से जुड़े महिंद्रा ग्रुप ने Metaverse में उतरने की घोषणा की है. ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इसकी घोषणा की है. वास्तविक दुनिया का वर्चुअल एक्सपीरिएंस कराने वाले इंटरनेट के इस 3D वर्जन से लोगों के कामकाज करने और ऑनलाइन इंटरएक्ट करने का तरीका बदलने की उम्मीद है.
इनमें मेटावर्स बेस्ड कार डीलरशिप Dealer Verse और NFT मार्केटप्लेस Middlemist शामिल होंगे. हाल ही में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) सेगमेंट में शुरुआत की थी. कंपनी के स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल Thar से जुड़े टोकन रिलीज किए जाएंगे. इसके लिए महिंद्रा ग्रुप की IT कंपनी टेक महिंद्रा की मदद ली जाएगी.
ऐसे में अलग-अलग कम्पनियाँ और बड़े-बड़े लोग इस टेक्नोलॉजी को फ्यूचर मानते हुए इन्वेस्टमेंट कर रहे है, इसीतरह अगर गेमिंग इंडस्ट्री को देखा जाए तो कुछ ही सालों में उसका भी मार्केट काफ़ी बढ़ा है.
चूंकि metaverse भी गेमिंग इंडस्ट्री को ज्यादा बढ़ावा दे रहा है इसलिए इसका अंदाजा लगाया जा सकता है की metaverse आने वाले time में टेक्नोलॉजी की फ़ील्ड में भूचाल लाएगी.
इसको हम इस बात से भी समझ सकते है की facebook जैसी कंपनी अगर इसमें अरबों इन्वेस्ट कर रही है तो कुछ तो खूबियाँ है ही जिसकी चर्चा आज सबसे ज्यादा है. आने वाले समय में यह इंडस्ट्री 74.8 लाख करोड़ तक की हो सकती है.
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Metaverse Explained in Hindi
मेटावर्स के फ़ायदे और नुकसान
मेटावर्स के फ़ायदे और नुकसान क्या है आइये विस्तार से जानते हैं.
मेटावर्स के फ़ायदे (Metaverse Advantage)
मेटावर्स क्या है के बाद मेटावर्स के फ़ायदे की बात करें तो इसकी सबसे बड़ा फ़ायदा तो यह है की जिन सभी कार्यों को आज हमलोग ऑनलाइन 2D में करते है या बिना फीलिंग के करते है उसे हम मेटावर्स में फीलिंग के साथ 3D दुनिया में कर पायेंगे.
ऐसे में इससे होने कुछ और फ़ायदे हो सकते है जैसे-
- आज जिस ऑनलाइन क्लास को हम केवल विडियो के माध्यम से कर पाते है उस क्लास को हम मेटावर्स में बिलकुल आमने-सामने बैठे होने की फीलिंग के साथ पढाई कर सकते है और अपने टीचर से डायरेक्ट सवाल जबाब भी कर सकते है.
- आज हम अपने दोस्तों और सम्बन्धियों से दूर होने पर केवल विडियो कॉल के माध्यम से ही बात कर पाते है परन्तु मेटावर्स में उसके अवतार के साथ बिलकुल आमने-सामने बैठ कर बात कर सकते है साथ ही दूर रहते हुए भी कहीं घुमने का मजा ले सकते है.
- ऑनलाइन शॉपिंग करने का तरीका भी बदल सकता है, आज हम लोग ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान केवल उस प्रोडक्ट का इमेज देखकर उसे खरीदते है पर मेटावर्स में हम उसे सप्लायर के शॉप में जाकर प्रोडक्ट का 3D इमेज देखकर शॉपिंग कर सकते है जो शायद आज के तरीके से बेहतर हो सकता है.
- इस वास्तविक फिजिकल वर्ल्ड में हम दुनिया के हर एक जगह आसानी से नहीं जा सकते है जिससे हम हर एक जगह के संस्कृति को नहीं जान सकते पर मेटावर्स हम कहीं भी आसानी से जाकर वहाँ के संस्कृति से अवगत हो सकते है, इसके अलावा और भी कई सारे विशेषताएं और फायदे हो सकते है.
- मेटावर्स में अगर टहल रहे है या शौपिंग करने गए है और वहां पर आपको कोई सामान पसंद आ गया या उसे आप डिजिटल करेंसी से ख़रीद लिए तो वह सामान रियल में यानी की असली दुनियां में वह आपके घर पर डिलीवर हो जायेगा.
- मेटावर्स की मदद से बच्चों को देश का इतिहास प्रेक्टिकल में समझाया जा सकता है.
- मेटावर्स में हम ज़मीन ख़रीद सकते है और बाद में मुनाफ़े में बेंच भी सकते है.
मेटावर्स के नुकसान (Metaverse Disadvantage)
अगर मेटावर्स के नुकसान की बात किया जाए तो जिस तरह से आज टेक्नोलॉजी की वजह से लोगों से दूरियां बढ़ रही और टेक्नोलॉजी से नजदीकियां बढ़ रही है ऐसे में लोग रिश्ते की अहमियत भी देना कम कर सकते है इसके अलावा मेटावर्स के नुकसान और क्या-क्या हो सकते है आइये जानते है-
- मेटावर्स कॉफी कंपलेक्स कॉन्सेप्ट् लगता है क्योंकि यह हर चीज को एक 3D के नजरिए से सोचने जैसा ही बना देगी। कहने का तात्पर्य है कि जो भी काम हम सिंपल तरीके से करते हैं जैसे कि टीवी देखना एक दूसरे से बातें करना वीडियो कॉल करना यह उन सबको 3D जैसा प्रतीत करवाएगी.
- इसलिए यदि यह कांसेप्ट लोगों के सिंपल कामों को भी हर वक्त एक हेडफोन और चश्मा लगाकर देखने की ओर ले जाएगी, तो हो सकता है यह एक हेडेक जैसा लगे क्योंकि लोग हर वक्त या अपने ज्यादातर कामों के लिए हेडफोन और 3D ग्लासेज लगाकर नहीं रह सकते।
- यह लोगों को सच्चाई की दुनिया से दूर ले जा सकती है और 3D जैसी दुनिया में ही रहने को अडिक्ट कर सकती है.
- लोग सचमुच की चीजों को महसूस करना और खुश रहना कम कर सकते हैं क्योंकि इसमें हर चीज वर्चुअल ही होगा.
- इस टेक्नोलॉजी का नुकसान ये हो सकता है की दुनियां भर की जितनी भी बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी कपनियां है वो पूरी दुनियां पर हावी हो सकती है क्योंकि वो अपनी एक ऐसी वर्चुअल दुनियां बना लेंगी जिसमें उनकी अपनी करेंसी चलेगी.
- उनके अपने शहर होंगे, उनके अपने देश होंगे और इन देशों के चलाने के नियम इन देशों में आने वाली वर्चुअल सरकारे भी उनकी अपनी होंगी ऐसे में अगर आपको उन देशों की नागरिकता चाहिए तो आपको उन कंपनियों के पास जाना होगा और इनकी शर्ते पूरी करनी पड़ेगी. इस तरह जब हमारा सारा डेटा इन कंपनियों के पास हो जायेगा तो हम सभी इन कंपनियों की मुट्ठी में हो सकते है.
- इस वर्चुअल दुनियां में एक समय ऐसा भी आ सकता है जब असली दुनियां से महंगी ज़मीन वर्चुअल दुनियां में मिलेंगी.
- अगर मेटावर्स का इस्तेमाल इंसानो ने सोच समझ कर नहीं किया तो यहाँ पर बड़ी बड़ी अपराधिक घटनाएँ हो सकती है जिसे कण्ट्रोल करना मुश्किल हो सकता है.
मेटावर्स में पहली शादी (First Metaverse Marriage)
दोस्तों मेटावर्स में पहली शादीऔर भारत की पहली मेटावर्स शादी तमिलनाडु के एक जोड़े दिनेश एसपी और जनगनंदनी रामास्वामी ने 6 फ़रवरी को किया जिसमें लड़की के दिवंगत पिता वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए वर्चुअल दुनियां में स्वयं मौजूद रहें यानि की वर्चुअल रियलिटी की मदद से इस विवाह में ऐसे लोग शामिल हुए जिनकी मृत्यु हो चुकी थी.
सभी लोगों का एक अवतार बनाया गया जिसके माध्यम से लोगों ने इस वर्चुअल दुनियां में कदम रखा. इसे दुनियां की पहली मेटावर्स वेडिंग कहा गया.
इस शादी में देश दुनियां के सैकड़ो लोग अपने डिजिटल अवतार में मौजूद रहे और गिफ्ट में डिजिटल करेंसी भी दिए.
मेटावर्स वेडिंग कॉस्ट (Metaverse Wedding Cost)
मेटावर्स में एक शादी की लागत ₹30,000 से शुरू होती है और ₹5,00,000 तक जा सकती है। ये डिजिटल शादियां लगभग एक घंटे तक चलती हैं और डिजाइन और विकास की लागत भी डिजिटल स्थल, सजावट, थीम, मेहमानों की भागीदारी और अवतारों के संगठनों पर निर्भर करती है जिन्हें वरीयताओं के अनुसार अनुकूलित किया जा सकता है.
मल्टीवर्स क्या है? (what is Multiverse)
अगर बात किया जाए की मल्टीवर्स क्या है तो मल्टीवर्स भी एक डिजिटल स्पेस है जहां Users एक दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं, लेकिन एक बुनियादी अंतर यह है कि वे किसी विशेष समय में केवल एक ही कार्य कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक गेम जिसे artificial intelligence, virtual reality और augmented reality का उपयोग करके विकसित किया गया है.
ऐसा गेम हमें अपने आस-पास की 3D दुनिया का बोध कराता है, लेकिन आप प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग केवल गेम खेलने के लिए ही कर सकते हैं तो मल्टीवर्स में, गेम खेलते समय, आप गेम के मार्केटप्लेस की जांच कर सकते हैं, लेकिन साथ ही NFT संग्रहालय में प्रवेश करना संभव नहीं होगा.
सरल शब्दों में कहे तो मल्टीवर्स को विभिन्न वर्चुअल ब्रम्हाण्ड के एक सेट के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, और आप विभिन्न चीजों को करने के लिए ब्रह्मांडों के बीच स्विच कर सकते हैं.
इसलिए मल्टीवर्स प्रोजेक्ट, जैसे कि गेम प्लेटफॉर्म, अपने पारिस्थितिक तंत्र के ढांचे के भीतर आदर्श आभासी दुनिया हैं, लेकिन उनमें वास्तविक दुनिया के साथ अभिसरण की कमी है.
इसके अलावा, अन्य बहुविविध प्रोजेक्ट्स के साथ उनका अंतर्संबंध सीमित है क्योंकि वे ज्यादातर अलग-थलग Ecosystem हैं.
अब तक हमनें जाना की मेटावर्स क्या है और मल्टीवर्स क्या है आइये अब हम मेटावर्स और मल्टीवर्स में क्या अंतर है जानते है.
इंटरनेट और मेटावर्स में क्या अंतर है?
इंटरनेट अरबों कंप्यूटरों, लाखों सर्वरों और अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का एक नेटवर्क है. एक बार ऑनलाइन होने पर, इंटरनेट यूजर्स एक दुसरे के साथ बातचीत कर सकते है, वेबसाइटों को देख और बातचीत कर सकते है, और सामान और सेवाओं को ख़रीद और बेच सकते है.
मेटावर्स इंटरनेट के साथ मुकाबला नहीं करता बल्कि यह खुद इंटरनेट पर बना है. मेटावर्स में यूजर्स एक वर्चुअल दुनियां का अनुभव करते है जो AR (Augmented Reality), VR (Virtual Reality), AI (Artificial Intelligence), सोशल मिडिया और डिजिटल करेंसी जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके असल दुनियां के पहलुओं की एक नक़ल है.
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मेटावर्स और मल्टीवर्स में अंतर (Metaverse vs Multiverse in Hindi)
मेटावर्स क्या है और मल्टीवर्स क्या है, इसको जानने और समझने के बाद, आइए अब उन महत्वपूर्ण विशेषताओं का पता लगाएं जो उन्हें एक दूसरे से अलग बनाती हैं। मेटावर्स एक उभरती हुई अवधारणा है जो बताती है कि भविष्य में हमारे पास एक संबंधित डिजिटल दुनिया हो सकती है.
मेटावर्स के Users अपनी आवश्यकताओं के आधार पर मेटावर्स के दो अलग-अलग क्षेत्रों के बीच निर्बाध रूप से संक्रमण कर सकते हैं, मल्टीवर्स डिजिटल दुनिया का एक अतिरिक्त पारिस्थितिकी तंत्र प्रस्तुत करता है जो डिस्कनेक्ट हो गया है, मल्टीवर्स के भीतर विभिन्न डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र यूज़र्स को डिजिटल दुनिया के बीच निर्बाध रूप से स्विच करने की अनुमति नहीं देते हैं.
मेटावर्स और मल्टीवर्स के बीच अंतर से रिलेटेड सबसे चर्चित भ्रांतियों में से एक यह है कि प्रत्येक कई Ecosystem का प्रतिनिधित्व करता है। मल्टीवर्स के मामले में, एक उपयोगकर्ता अनंत संख्या में Ecosystem की खोज कर सकता है जो एक दूसरे से संबंधित नहीं हैं.
मेटावर्स एक डिजिटल होम ग्राउंड देता करता है, जो Users के लिए विभिन्न अनुभवों, वीडियो गेम और अवसरों के बीच सफलतापूर्वक परिवर्तन करने का होमप्लेस है। एक Users के रूप में, आप मेटावर्स में केवल अपने डेस्कटॉप या Google ग्लास की तुलना में संवर्धित वास्तविकता इकाइयों के साथ प्रवेश कर सकते हैं और एकीकृत अनुभवों का आनंद ले सकते हैं.
मेटावर्स और मल्टीवर्स के बीच भिन्नता को अधिक प्रभावी ढंग से समझने के लिए, आइए मेटावर्स और मल्टीवर्स के बीच महत्वपूर्ण अंतर पर एक नज़र डालते है:
मेटावर्स यह Users को काम करने फ़िल्म देखने, खेलनें, पढने और बहुत सारी सुविधावों के लिए एक digital environment शेयर करने की परमिसन देता है. यह यूजर्स को यूनिवर्स में अलग- अलग मूवमेंट करने की परमिसन देता है. मेटावर्स इनफार्मेशन के लिए एक तरह से फ़्लो का काम करता है जो एक specific क्रम में highly connected है. उपयोगकर्ता मेटावर्स में अपनी डिजिटल संपत्ति और अनुभवों का स्वामित्व प्राप्त कर सकते हैं. मेटावर्स में विभिन्न संस्थाएं जैसे AI, रोबोट, डिजिटल अवतार और मानव मेटावर्स प्रतिभागी शामिल हैं। | मल्टीवर्स यह कई लक्षणों और विशेषताओं के साथ विभिन्न वर्चुअल दुनिया का काल्पनिक संग्रह है. कई वर्चुअल दुनिया एक काल्पनिक पूल में मौजूद विभिन्न इकोसिस्टम बनाती हैं. मल्टीवर्स Highly Random है इसमें इनफार्मेशन के फ़्लो के लिए किसी specific क्रम के बिना बिभिन्न वर्चुअल दुनियां शामिल है. मल्टीवर्स में अलग-अलग वर्चुअल दुनिया में संपत्ति पर उपयोगकर्ता का स्वामित्व नहीं हो सकता है. मल्टीवर्स में केवल विशिष्ट आभासी दुनिया शामिल हैं जो इसकी संस्थाओं के रूप में हैं। |
तो दोस्तों आशा करते है की आज की इस पोस्ट से आपको बहुत सारी जानकारियां मिली होंगी ऐसे ही और फाइनेंसियल जानकारी के लिए हमें फॉलो जरूर करें. और अपडेट के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को जॉइन कर सकते है.
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