Initial Coin Offering क्या है। What’s ICO In Hindi

Initial Coin Offering (ICO) क्या है। What Is ICO in Hindi। ICO क्या है? What’s initial coin offering in Hindi। ICO कैसे काम करता है? How Works Initial Coin Offering in HindiIPO और ICO में अंतर (Defference between IPO Vs ICO)

तो दोस्तों जैसा की हम सभी जानते है की पिछलें कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो चुकी है ऐसे में कई एक्सपर्ट्स का मानना है की यह फ्यूचर है लेकिन भारत में अभी भी यह सक के नज़रिए से देखा जा रहा है इसका मुख्य कारण है की सरकार की दिलचस्वी न होना.

जिस समय से क्रिप्टोकरेंसी का बोलबाला बढ़ा है तब से पूरी दुनियां में करोड़ों छोटे बड़े इन्वेस्टर्स ने इसमें पैसा इन्वेस्ट किया है, धीरें-धीरें दुनियां के कई देश क्रिप्टोकरेंसी को फ्यूचर के रूप में अपना रहे है, जिसमें बड़ी बड़ी कंपनियां इसमें धुवाधाड़ पैसा लगा रही है और इसमें अपना समय भी लगा रही है.

अब जहाँ पर पूरी दुनियां क्रिप्टो को एक्सेप्ट कर रही है वहीँ पर भारत इसे मनी लोंड्रिंग और आतंकी संगठन को फंडिंग को बढ़ावा देनें में सहायक मान रही है, इसलिए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो की लेनदेन और मुनाफ़े पर तगड़ा टैक्स भी लगा रही है, अब देखना ये है की भारत सरकार कब क्रिप्टो पर रूल्स रेगुलेशन लाती है.

फ़िलहाल आइये जानते है की क्रिप्टो की दुनियां में Initial Coin Offering (ICO) क्या है। What Is ICO in Hindi और यह कैसे काम करता है.

ICO क्या है? What’s initial coin offering in Hindi

ICO क्या है? What Is initial coin offering in Hindi
ICO क्या है? What Is initial coin offering in Hindi

ICO क्या है? अगर इसको सिंपल भाषा में समझा जाए तो जैसे शेयर मार्केट में IPO होता है उसी तरह क्रिप्टो मार्केट में ICO होता है यानि की जब भी कोई Coin पहली बार क्रिप्टो मार्केट में Public के लिए list होती है तो वह ICO कहलाती है.

अगर और भी आसानी से समझे की initial coin offering (ICO) क्या है तो क्रिप्टो की दुनियां में जब भी कोई कंपनी किसी Project पर काम करती है तो Company को Funding की ज़रूरत होती है, तब कंपनी Crowd Funding के ज़रिये अपनें Shares की जगह टोकंस को ICO के माध्यम से Investors को उपलब्ध कराती है जिससे Investors अलग अलग Currency द्वारा ICO में Invest करते है.

कंपनी द्वारा लांच किये गए इस टोकंस को Investors किसी को बेच सकते है या गिफ्ट कर सकते है और अगर होल्ड करना चाहते है तो होल्ड करके Tokens Price Value बढनें का इंतजार भी कर सकते है, यदि Investors इस Coin को कहीं पर भी पेमेंट करना चाहते है तो ख़रीदारी करनें के बाद पैसे के रूप में क्रिप्टो जैसे- Bitcoin, Ethereum etc. पेमेंट्स कर सकते है.

ICO का फुल फॉर्म initial coin offering होता है और इसका दूसरा नाम initial currency offering भी है.

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ICO का इतिहास (History of ICO)

ICO के इतिहास के पहले टोकन की बिक्री जुलाई 2013 में मास्टर कॉइन द्वारा आयोजित की गयी थी, उसके बाद इथेरियम ने जुलाई 2014 में अपना ICO के माध्यम से 31,000 BTC का फण्ड जुटाया, जो उस समय लगभग 18.3 मिलियन डॉलर के बराबर था.

देखते ही देखते कुछ सालों में यानी 2017 तक ICO लोकप्रिय हो चुका था, उस टाइम ICO पर निगाह रखने वाली लगभग 18 वेबसाइटे थी, उसके कुछ महीनों के बाद ब्रेव नाम का एक नया ब्राउज़र आया जो लगभग 30 सेकंड में 35 मिलियन डॉलर कमाएं.

उसकें बाद 2017 के अंत तक बहुत सारे अलग अलग प्रोजेक्ट्स ICO से कई मिलियन्स की फंडिंग जुटाई, जो 2016 के मुकाबलें 40 गुना ज्यादा थी, हालाँकि अभी भी यह IPO के माध्यम से जुटाई गयी पूँजी का लगभग 2% भी नहीं है. और जानें

अब तक हमनें जाना की initial coin Offering (ICO) के बारे में, आइये अब हम जानते है की यह कैसे काम करता है.

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ICO कैसे काम करता है? How Works Initial Coin Offering in Hindi

ICO कैसे काम करता है? अगर इसको देखा जाए तो जब भी किसी स्टार्टअप को अपना ICO लांच करना होता है तब वह एक वाइट पेपर पब्लिक के साथ साझा करती है जिसमें कंपनी की सारी डिटेल्स होती है.

जैसे की कंपनी उस ICO के माध्यम से मार्केट से कितना पैसा उठाना चाहती, और उस पैसों से क्या करना चाहती है, कंपनी का प्रोज़ेक्ट किस टेक्नोलॉजी पर काम करेगा और वह कितनें टोकंस रिलीज करेगी. ICO के माध्यम से कोई भी कंपनी इन्वेस्टर्स को जो टोकंस देती है उस टोकंस को इन्वेस्टर्स कहीं पर भी इस्तेमाल कर सकते है और लेनदेन कर सकते है, जैसे- खरीदारी के बाद पेमेंट्स के रूप में, या किसी को गिफ्ट कर सकते है.

अगर इसको समझनें में और भी आसान बनाया जाए तो जैसे शेयर मार्केट में IPO में इन्वेस्ट करने के बाद कंपनी पब्लिक से पैसा उठानें के बाद अपना कुछ शेयर इन्वेस्टर्स को देती है और इसकें लिए किसी ब्रोक्रेज की ज़रूरत होती है उसी तरह क्रिप्टो की दुनियां में कंपनी ICO के माध्यम से क्रिप्टो इन्वेस्टर्स से क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम से टोकंस का लेनदेन करती है.

जिसमें इन्वेस्टर्स आसानी से टोकंस को ख़रीद और बेच सकते है, इस दौरान अगर इन्वेस्टर्स अपनें टोकंस होल्ड करते है तो कुछ टाइम के बाद उन्हें अच्छा रिटर्न मिलता है, लेकिन ध्यान रहे शेयर मार्केट में कंपनी अपनी हिस्सेदारी देती है लेकिन क्रिप्टो में कंपनी अपनें प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की हिस्सेदारी देती है.

लेकिन आपको बता दे की यह टोकन बनाना काफ़ी ज्यादा आसान होता है क्योंकी इन टोकन को बनाने के लिए कंपनी को कोई Code लिखने की जरुरत नहीं पड़ती जिस प्रकार से Cryptocurrency में पड़ती है, इन टोकन को पहले से Blockchain वाली Cryptocurrency के ऊपर बनाया जाता है.

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ICO के फ़ायदे और नुकसान (Advantage and Disadvantage of ICO)

तो दोस्तों जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही अगर ICO के कुछ फ़ायदे है तो कुछ नुकसान, आइये जानते है की आखिर ICO के फ़ायदे और नुकसान क्या है.

initial coin Offering (ICO) के फ़ायदे (Advantage of ICO)

ICO के फ़ायदे के बारें में बात किया जाए तो इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है की जब भी कोई स्टार्ट अप या कंपनी को किसी प्रोजेक्ट के लिए फंड्स की जरुरत होती है तो वह ICO के माध्यम से निवेशकों से पैसा जुटती है जिसमें निवेशको का भी फ़ायदा होता है.

क्योंकि जैसे-जैसे प्रोजेक्ट्स आगे बढ़ता है वैसे वैसे निवेशकों का पैसा भी बढ़ता है जिसमें निवेशक काफ़ी अच्छा पैसा भी बनाते है. सबसे अच्छी बात तो यह है की निवेशक इस पैसों को कभी भी कहीं भी इस्तेमाल कर सकते है और जब भी कोई प्रोजेक्ट्स स्टार्ट होता है तो उस टोकन की price कम पैसों में ख़रीद सकते है और मुनाफ़ा होने पर उसे आसानी से बेच भी सकते है.

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Initial coin offering (ICO) के नुकसान (Disadvantage of ICO)

अगर ICO के नुकसान को देखा जाए तो इसका सबसे बड़ा नुकसान तब होता है जब निवेशक उसके प्रोजेक्ट्स के बारें में जाने बिना इन्वेस्ट कर देते है और उन्हें भारी नुकसान हो जाता है. इसके अलावा आज ICO के बढ़ती लोकप्रियता के कारण ICO के नाम पर बहुत ज्यादा फ्रॉड हो रहे है जिसमें छोटे और भोलेभाले निवेशक फंस जाते है और उनके पैसे डूब जाते है.

और इसका एक और नुकसान तब है जब हम इसके बारें में पूरी जानकारी के बिना ही आंख मूँद कर पैसा लगा देते है और बाद में टोकन का price कम हो जाता है इसलिए जब भी निवेशको इसमें इन्वेस्ट करना हो, तब प्रोजेक्ट्स के बारें में पूरी जानकारी ले और एक्सपर्ट्स की सलाह ले.

ICO के प्रकार (Types of ICO)

वैसे यदि ICO के प्रकार के बारें में जाना जाए तो इसके कई प्रकार हो सकते है पर अगर वर्तमान की बात करें तो इसके 2 प्रकार है.

  1. Private ICO: जो केवल बड़े इन्वेस्टर्स या बड़ी संस्था के लिए उपलब्ध होते है.
  2. Public ICO: इसमें कोई भी इन्वेस्ट कर सकता है.

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अब आइये एक और शानदार टॉपिक के बारें में जानते है जो है IPO और ICO में क्या अंतर है.

IPO और ICO में अंतर (Defference between IPO Vs ICO)

IPO और ICO में अंतर कुछ इस प्रकार है.

INITIAL PUBLIC OFFERING (IPO)INITIAL COIN OFFERING (ICO)
जो कंपनियां अभी हाल में शुरू हुई है या फिर जो लम्बे समय से चल रही है और वह अपने बिज़नेस को बढ़ाना चाहती है तो वह कंपनी अपना कुछ शेयर बेचकर IPO के जरिये पैसा जुटाती है ताकि वह उन पैसों से अपने बिज़नेस को बढ़ा सके.जब कंपनियां अपना नया प्रोजेक्ट्स लेकर मार्केट में आतीं है तब उन्हें अपनें प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए फंड्स की जरुरत पड़ती है तब कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स का टोकन ICO के माध्यम से मार्केट में लाती है.
IPO में कंपनी की ग्रोथ के साथ इन्वेस्टर्स के पैसों की ग्रोथ होती है.ICO में प्रोजेक्ट्स की ग्रोथ से इन्वेस्टर्स के टोकंस की वैल्यू में ग्रोथ होती है न की कंपनी की ग्रोथ से.
मार्केट में एक IPO लानें के लिए कई क़ानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जिससे एक आईपीओ लाने में समय लगता है, इस दौरान कंपनी की पास्ट फाइनेंसियल रिपोर्ट और फ्यूचर प्लानिंग शामिल होती है.ICO को मार्केट में लाने के लिए किसी भी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता है क्योंकि Decentralized होते है, इसमें केवल कंपनी के पास वाइट पेपर होता है जिसमें प्रोजेक्ट्स की जानकारीं होती है.
एक IPO में कंपनी के कई सालों का रिकॉर्ड मौजूद होता है.एक ICO की शुरुआत यदि कोई 18 साल का बच्चा भी आज ही करता है तब उसे केवल प्रोजेक्ट्स और उसके आइडियाज का रिकॉर्ड मौजूद होता है.
IPO में कंपनी अपना शेयर इन्वेस्टर्स को देती है.ICO में कंपनी अपनें प्रोजेक्ट्स का टोकन इन्वेस्टर्स को देती है.

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तो दोस्तों आज के इस लेख में हमने जाना Initial Coin Offering (ICO) क्या है। What Is ICO in Hindi के बारें में, अगर यह जानकारी आपको पसंद आई हो और कुछ जानकारी मिली हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करिए, और भी जानकारी के लिए आप हमारें टेलीग्राम चैनल जरूर जॉइन करें ताकि आपको अपडेट मिलती रहे, हमें ट्विटर पर अभी फॉलो करें, धन्यवाद

ICO का फुल फॉर्म क्या होता है?

Initial Coin Offering

ICO का दूसरा नाम क्या है?

Initial Currency Offering

Initial Coin Offering (ICO)को हिंदी में क्या कहते हैं?

प्रारंभिक सिक्का भेंट

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